कर्महीन खेती करे, बैल मरे या सूखा पड़े का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) बात कहते ही काम नहीं होता
(B) बात कहते ही कार्य सम्पन्न होने की इच्छा करना
(C) दुर्भाग्य होने पर सभी काम बिगड़ते हैं
(D) करना कुछ, कहना कुछ। द्विरंगी चाल

Answer : दुर्भाग्य होने पर सभी काम बिगड़ते हैं

Explanation : कर्महीन खेती करे, बैल मरे या सूखा पड़े का अर्थ karamheen kheti kare bail mare ya sukha pade है 'दुर्भाग्य होने पर सभी काम बिगड़ते हैं।' हिंदी लोकोक्ति कर्महीन खेती करे, बैल मरे या सूखा पड़े का वाक्य में प्रयोग होगा – भाग्यहीन के हर काम में रोड़ा अटकता है। उसे अपने हर काम में विघ्न या बाधा से दो चार होना पड़ता है। ऐसे ही लोगों के लिए कहा गया है– करमहीन खेती करें, बैल मरे या सूखा पड़े। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'कर्महीन खेती करे, बैल मरे या सूखा पड़े' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Karamheen Kheti Kare Bail Mare Ya Sukha Pade