‘जौ तुम्हारा अनुशासन पावौं। कंदुक इव ब्रह्मांड उठावौं’ में कौन सा रस है?

(A) वीर रस
(B) रौद्र रस
(C) हास्य रस
(D) अद्भुत रस

Answer : रौद्र रस

Explanation : 'जौ तुम्हारा अनुशासन पावौं। कंदुक इव ब्रह्मांड उठावौं' पंक्ति में रौद्र रस है। रौद्र रस की परिभाषा अनुसार – शत्रु या किसी दुष्ट अत्याचारी द्वारा किए गए अत्याचारों को देखकर अथवा गुरुजनों/आत्मीयजनों की निंदा सुनकर चित्त में एक प्रकार का क्षोभ उत्पन्न होता है जिसे 'क्रोध' कहते हैं। यही 'क्रोध' नामक स्थायी भाव जब विभाव, अनुभाव और संचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत होता है तब 'रौद्र रस' कहलाता है। सामान्य हिंदी के अन्तर्गत रस संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। जो आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड., आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी होते है।
Tags : रस के अंग रस के प्रकार रस हिन्दी व्याकरण रौद्र रस
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Jau Tumhara Anushasan Pavaun Kanduk Iv Brahmand Uthavaun Mein Kaun Sa Ras Hai