Explanation : जल प्रदूषण से विऑक्सीजनीकरण एवं गंदलेपन में वृद्धि होता है। जब जल की भौतिक, रासायनिक तथा जैविक गुणवत्ता में ऐसा परिवर्तन उत्पन्न हो जाए जिससे यह जीवों के लिए हानिकारक तथा प्रयोग हेतु अनुपयुक्त हो जाता है तो यह जल प्रदूषण (water pollution) कहलाता है। जल प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव –
(i) जल प्रदूषण, (संदूषण) के कारण टायफायड, अतिसार, हैजा, हिपैटाइटीस, पीलिया जैसे रोग फैलते हैं। (ii) जल में विद्यमान अम्ल तथा क्षार सूक्ष्म जीवों का विनाश कर देते हैं जिससे नदियों के जल स्वत: शुद्धिकरण प्रक्रिया अवरुद्ध होती है।
(iii) जल में मल मूत्र के अत्यधिक बहाव से जल प्लवकों की वृद्धि होती है। इनकी अत्यधिक संख्या से जल में विलेय ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आ जाती है। साथ ही जल प्लवकों के मृत हो जाने पर उनके सड़ने के फलस्वरूप जल में घुली अधिकांश ऑक्सीजन का ह्रास हो जाता है। पोषकों का अत्यधिक संभरण एवं शैवालों की वृद्धि अथवा फलने-फूलने के परिणामस्वरूप जल में ऑक्सीजन का ह्रास हो जाता है। यह स्थिति सुपोषण अथवा यूट्रोफिकेशन (Eutrophication) कहलाती है।
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