ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) व्यय किसी का हो और तकलीफ किसी दूसरे को हो
(B) अत्यधिक दरिद्रता
(C) अत्याचार का परिणाम अच्छा नहीं होता
(D) भाग्य की गति विचित्र है, ईश्वर की माया विचित है

Answer : भाग्य की गति विचित्र है, ईश्वर की माया विचित है

Explanation : ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया का अर्थ ishwar ki maya kahin dhoop kahin chhaya है 'भाग्य की गति विचित्र है, ईश्वर की माया विचित है।' हिंदी लोकोक्ति ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया का वाक्य में प्रयोग होगा – 15 वर्षों के बाद उसे पहली सन्तान हुई सच ईश्वर की माया कहीं धूप, कहीं छाया। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Ishwar Ki Maya Kahin Dhoop Kahin Chhaya