भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 80 के अनुसार,
विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना — कोई बात अपराध नहीं है, जो दुर्घटना या दुर्भाग्य से और किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के बिना विधिपूर्ण प्रकार से विधिपूर्ण साधनों द्वारा और उचित सतर्कता और सावधानी के साथ विधिपूर्ण कार्य करने में ही हो जाती है।
दृष्टान्त
क कुल्हाड़ी से काम कर रहा है; कुल्हाड़ी का फल उसमें से निकल कर उछल जाता है, और निकट खड़ा हुआ व्यक्ति उससे मारा जाता है। यहां यदि क की ओर से उचित सावधानी का कोई अभाव नहीं था तो उसका कार्य माफी योग्य है और अपराध नहीं है।