भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 77 के अनुसार,
न्यायिकत: कार्य करने हेतु न्यायधीश का कार्य — कोई बात अपराध नहीं है, जो न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश द्वारा ऐसी किसी शक्ति के प्रयोग में की जाती है, जो, या जिसके बारे में सद्भावपूर्वक विश्वास है कि वह उसे विधि द्वारा की गई है।