आईपीसी की धारा 76 क्या है- IPC Section 76 in Hindi

What is Section 76 of Indian Penal Code, 1860

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 76 के अनुसार,
विधि द्वारा आबद्ध या तथ्य की भूल के कारण अपने आपको विधि द्यारा आबद्ध होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य — कोई बात अपराध नहीं है, जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए, जो उसे करने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो या जो तथ्य की भूल के कारण, न कि विधि की भूल के कारण, सद्भभावपूर्वक विश्वास करता हो कि वह उसे करने के लिए विधि द्वारा आबद्ध है।

दृष्टान्त

(क) विधि के समादेशों के अनुवर्तन में अपने वरिष्ठ आफिसर के आदेश से एक सैनिक क भीड़ पर गोली चलता है। क ने कोई अपराध नहीं किया।
(ख) न्यायालय का आफिसर, क, म को गिरफ्तार करने के लिए उस न्यायालय द्यारा आदिष्ट किए जाने पर और सम्यक् जांच के पश्चात् यह विश्वास करके कि य, म है, यह को गिरफ्तार कर लेता है। क ने कोई अपराध नहीं किया।

According to Section 76 of the Indian Penal Code 1860,
Act done by a person bound, or by mistake of fact believing himself bound by law — Nothing is an offence which is done by a person who is, or who by reason of a mistake of fact and not by reason of a mistake of law in good faith believes himself to be, bound by law to do it.

Illustrations

(a) A, a soldier, fires on a mob by the order of his superior officer, in conformity with the commands of the law. A has committed no offence.
(b) A, an officer of a Court of Justice, being ordered by that Court to arrest Y, and, after the enquiry, believing Z to be Y, arrests Z. A has committed no offence.

Useful for Exams : Central and State Government Exams
Indian Penal Code 1860
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Web Title : ipc ki dhara 76 kya hai