भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 71 के अनुसार,
कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दंड की अवधि – जहाँ कि कोई बात, जो अपराध है, ऐसे भागों में, जिनमें का कोई भाग स्वयं अपराध है, मिलकर बनी है, वहाँ अपराधी अपने ऐसे अपराधों में से एक से अधिक के दंड से दंडित न किया जाएगा, जब तक कि ऐसा अभिव्यक्त रूप से उपबधिंत न हो —
जहाँ कि कोई बात अपराधों को परिभाषित या दंडित करने वाली किसी तत्समय प्रवृत्त विधि की दो या अधिक पृथक् परिभाषाओं में आने वाला अपराध है अथवा;
जहाँ कि कई कार्य, जिनमें से स्वयं एक से या स्वयं एकाधिक से अपराध गठित होता है, मिल कर भिन्न अपराध गठित करते हैं,
वहां अपराधी को उससे गुरुतर दंड से दंडित न किया जाएगा, जो ऐसे अपराधों में से किसी भी एक के लिए वह न्यायालय, जो उसका विचारण करे, उसे दे सकता हो।