आईपीसी की धारा 52 क्या है- IPC Section 52 in Hindi
What is Section 52 of Indian Penal Code, 1860
January 17, 2019
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 52 के अनुसार, ‘सद्भावपूर्वक’ – कोई बात ‘सद्भावपूर्वक’ की गई या विश्वास की गई नहीं कही जाती जो सम्यक् सतर्कता और ध्यान के बिना की गई या विश्वास की गई हो।
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भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 370 के अनुसार,
व्यक्ति का दुर्व्यापार – (1) जो कोई, शोषण के प्रयोजन के लिए—
पहला — धमकियों का प्रयोग करके; या
दूसरा — बल या किसी भी अन्य प्रकार के प्रपीड़न का प्रयोग करके; या
तीसरा — अपहरण द्वारा; या
चौथा — कपट का प्रयोग करके या प्रवंचना द्वारा; या
पाँचवा — शक्ति का दुरुपयोग करके; या
छठवां – उत्प्रेरणा द्वारा, जिसके अन्तर्गत ऐसे किसी व्यक्ति की, जो भर्ती किए गए, परिवहनित, संश्रित, स्थानान्तरित या गृहीत व्यक्ति पर नियंत्रण रखता है, सम्मति प्राप्त करने के लिए ...read more
सुपर ओवर (Super over) जिसे वन-ओवर एलिमिनेटर भी कहा जाता है, एक टाई-ब्रेकिंग विधि है, जिसे सीमित ओवरों के क्रिकेट मैसों में प्रयोग किया जाता है। जब निर्धारित ओवरों मे मैंच का फैसला नहीं हो पाता है और मैच को टाई घोषित किया जाता है, तब मैच में विजेता टीम को चुनने के लिए दोनों टीमों को अतिरिक्त छह-छह गेदें दी जाती है और सुपर ओवर में पहले बैटिंग वह टीम करती है, जो निर्धारित ओवरों में लक्ष्य का पीछा कर रही होती है। इस सुपर ओवर में प्रत्येक टीम के कप्तान द्वारा तीन नामों की घोषणा की जाती है, जो बल्ले ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 107 के अनुसार,
किसी बात का दुष्प्रेरण – वह व्यक्ति किसी बात के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है, जो –
पहला – उस बात को करने के लिए किसी व्यक्ति को उकसाता है; अथवा
दूसरा – उस बात को करने के लिए किसी षड्यन्त्र में एक या अधिक अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ सम्मिलित होता है, यदि उस षड्यन्त्र के अनुसरण में, और उस बात को करने के उद्देश्य से, कोई कार्य या अवैध लोप घटित हो जाए; अथवा
तीसरा – उस बात के लिए किए जाने में किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा साशय सहायता करता है। ...read more
विश्व बैंक ने 11 अप्रैल, 1955 को अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation) की व्यवस्था संबंधी मसौदा अपने सदस्यों के सामने रखा। जुलाई 1956 में इसके सदस्यों की संख्या 31 हो जाने पर इसकी विधिवत् स्थापना कर दी गयी। 1962 में यह UNO का विशिष्ट अभिकरण बन गया। वर्तमान में 184 देश इसके सदस्य हैं और मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में है। यह निगम विकासशील देशों में निजी उद्योगों के लिए बिना सरकारी गारंटी के धन की व्यवस्था करता है तथा अतिरिक्त पूँजी विनियोग द्वारा उन्हें प्रोत्साहित करता है, ...read more