आईपीसी की धारा 52 क्या है- IPC Section 52 in Hindi
What is Section 52 of Indian Penal Code, 1860
January 17, 2019
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 52 के अनुसार, ‘सद्भावपूर्वक’ – कोई बात ‘सद्भावपूर्वक’ की गई या विश्वास की गई नहीं कही जाती जो सम्यक् सतर्कता और ध्यान के बिना की गई या विश्वास की गई हो।
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भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 77 के अनुसार,
न्यायिकत: कार्य करने हेतु न्यायधीश का कार्य — कोई बात अपराध नहीं है, जो न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश द्वारा ऐसी किसी शक्ति के प्रयोग में की जाती है, जो, या जिसके बारे में सद्भावपूर्वक विश्वास है कि वह उसे विधि द्वारा की गई है। ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 99 के अनुसार,
कार्य, जिनके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है – यदि कोई कार्य, जिससे मृत्यु या घोर उपहति की आशंका युक्तियुक्त रूप से कारित नहीं होती, सद्भभावपूर्वक अपने पदाभास में कार्य करते हुए लोक सेवक द्वारा किया जाता है या किए जाने का प्रयत्न किया जाता है तो वह उस कार्य के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है, चाहे वह कार्य विधि अनुसार सर्वथा न्यायनुमत न भी हो।
यदि कोई कार्य, जिससे मृत्यु या घोर उपहति की आशंका युक्तियुक्त रूप से ...read more
1. मोती कैसे बनती है?
मोती सीपी के अंदर पायी जाती है यह सफेद, चमकदार वस्तु है जो बहुत ही कीमती होती है। मोती का निर्माण घोंघे के द्वारा होता है। जब बालू का कण इसके अंदर जाता है तो घोंघा इस कण सीप के पदार्थ की परत चढ़ाये चला जाते है। यह परत कैल्शियम कार्बोनेट की होती है। कुछ समय बाद यही परत सीप के अंदर मोती बन जाती है। इसी को सच्चा मोती कहा जाता है। यह आवश्यक नहीं है कि मोती सफेद ही हो। यह काला, गुलाबी, बैंगनी भी हो सकता है। मनुष्य ने कृत्रिम तरीके से भी मोती बनाना सीख लिया हे। इसी को ही मोती कल ...read more