भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 51 के अनुसार,
‘शपथ’ — ‘शपथ’ के लिए विधि द्वारा प्रतिस्थापित सत्यनिष्ठ प्रतिज्ञान और ऐसी कोई घोषणा, जिसका किसी लोक सेवक के समक्ष किया जाना या न्यायालय में या अन्य सबूत के प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाना विधि द्वारा अपेक्षित या प्राधिकृत हो, ‘शपथ’ शब्द के अन्तर्गत आती है।