भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 354 क के अनुसार,
लैंगिक उत्पीड़न और लैंगिक उत्पीड़न के लिए दंड — (1) ऐसा कोई निम्नलिखित कार्य, अर्थात्–
(i) शारीरिक सम्पर्क और अग्रक्रियाएँ करने, जिनमें अवांछनीय और लैंगिक संबंध बनाने संबंधी स्पष्ट प्रस्ताव अंतवंलित हों; या
(ii) लैंगिक स्वीकृति के लिए कोई मांग या अनुरोध करने; या
(iii) किसी स्त्री की इच्छा के विरुद्ध बलात् अश्लील साहित्य दिखाने; या
(iv) लैंगिक आभासी टिप्पणियां करने,
वाला पुरुष लैंगिक उत्पीड़न के अपराध का दोषी होगा।
(2) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (1) के खंड (i) या खंड (ii) या खंड (iii) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
(3) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (1) के खंड (iv) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
According to Section 354-A of the Indian Penal Code 1860,
Sexual harassment and punishment for sexual harassment — (1) A ‘man committing any of the following acts.
(i) Physical contact and advances involving unwelcome and explicit sexual overtures; or
(ii) a demand or request for sexual favors; or
(iii) Showing pornography against the will of a woman; or
(iv) Making sexually colored remarks, shall be guilty of the offence of sexual harassment,
(2) Any man who commits the offence specified in Clause (i) or Clause (ii) or Clause (iii) of sub-section (1) shall be punished with rigorous imprisonment for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.
(3) Any man who commits the offence specified in Clause (iv) of sub-section
(1) shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.