भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 151 के अनुसार,
पाँच या अधिक व्यक्तियों के जमाव को बिखर जाने का समावेश दिए जाने के पश्चात् उसमें जानते हुए सम्मिलित होना या बने रहना – जो कोई पाँच या अधिक व्यक्तियों के किसी जमाव में, जिससे लोक शांति में विघ्न कारित होना सम्भाव्य हो, ऐसे जमाव को बिखर जाने का समादेश विधिपूर्वक दे दिए जाने पर जानते हुए सम्मिलित होगा या बना रहेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
स्पष्टीकरण – यदि वह जमाव धारा 141 के अर्थ के अंतर्गत विधिविरुद्ध जमाव हो, तो अपराधी धारा 145 के अधीन दंडनीय होगा।
According to Section 151 of the Indian Penal Code 1860,
Knowingly joining or continuing in assembly of five or more persons after it has been commanded to disperse — Whoever knowingly joins or continues in any assembly of five or more persons likely to cause a disturbance of the public peace, after such assembly has been lawfully commanded to disperse, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine, or with both.
Explanation — If the assembly is an unlawful assembly within the meaning of Section 141, the offender will be punishable under Section 145.