Explanation : हीरा एक अधातु है क्योंकि हीरा रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है। हीरे में दरअसल कार्बन के परमाणु सॉलिड क्रिस्टल स्ट्रक्चर में होता है। इसमें बिल्कुल मिलावट नहीं होती है। यदि हीरे
को 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाए, तो यह जलकर कार्बन डाइ-ऑक्साइड बना लेता है तथा बिलकुल भी राख नहीं बचती है। इस प्रकार हीरे 100% कार्बन से बनते हैं। प्राकृतिक रूप से हीरा 1 करोड़ से 3.5 करोड़ वर्ष में धरती
की 150 से 250 किलोमीटर की गहराई में आकार लेते हैं। कुछ हीरे पृथ्वी की 800 किलोमीटर तक की गहराई में बनते हैं। उच्च दाब और तापमान से कार्बन युक्त तरल खनिजों को अपने अंदर घोल लेता है और इसे कुछ समय बाद हीरे
में रूपांतरित कर देता है। कुछ हीरे ज्वालामुखी क्रियाओं के बाद जमीन पर लावा के साथ भी बाहर आ जाते हैं, जो लाखों-करोड़ों वर्षोँ के अंतराल में धरती के नीचे बनते हैं। ऑप्टिकल और थर्मल तकनीक से हीरे की शुद्धता की जांच भी
होती है।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : पेंसिल में ग्रेफाइट (Graphite) पाया जाता है। कार्बन एक ऐसा तत्व है जो कि कई अपरूपों में पाया जाता है- ग्रेफाइट, हीरा, कोयला, चारकोल, काजल, गंधक, फास्फोरस, टिन, सिलिकोन आदि कार्बन के विभिन्न अपरूप है। ग्रेफाइट कार्बन का ऐसा अपरूप ...Read More
Explanation : प्रकाश का वेग अधिकतम निर्वात (Vacuum) में होता है। प्रकाश का वेग निर्वात् में सबसे अधिक होता है। निर्वात् में प्रकाश का वेग लगभग 2.99792458 x 10 8 मीटर/सेंकड होता है। निर्वात् से तात्पर्य ऐसे स्थान (क्षेत्र) से है जहां कोई पदार्थ ...Read More
Explanation : थोरियम का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य केरल है। थोरियम का उत्पादन मोनोजाइट अयस्क से होता है। केरल में यह बालू या रेत में पाया जाता है। थोरियम रेडियोधर्मी धातु है, जिसकी खोज 1828 ई. में बर्ज़ीलियस ने 'थोराइट' अयस्क से की थी। यह भूरे रं ...Read More
Explanation : विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र केरल राज्य में है। जो केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित है। यहां पर रॉकेट, प्रक्षेपण यान एवं कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण एवं उनसे सम्बंधित तकनीकी का विकास किया जाता है। केंद्र की शुरुआत थम्बा भूमध्यरेख ...Read More
Explanation : हाइड्रोजन बम में नाभिकीय संलयन अभिक्रिया होती है। नाभिकीय संलयन को कई छोटे नाभिकों के एक बड़े नाभिक में संयोजन के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसके बाद बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। संलयन वह प्रक्रिया है जो सूर्य को शक्ति प ...Read More
Explanation : मार्श गैस में मुख्यतः मीथेन (Methane) होता है। यह एक रासायनिक यौगिक है, मीथेन पैराफिन श्रृंखला के हाइड्रोकार्बन का सबसे सरल सदस्य तथा सबसे सरल एलकेन (Alkane) होता है। इसका रासायनिक सूत्र CH4 है। मीथेन एक रंगहीन गंधहीन ज्वलनशील गै ...Read More
मार्श गैस मीथेन (Methane) को कहा जाता है। जो कि एक रंगहीन गंधहीन ज्वलनशील गैस है, जो कि प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है। वायु की अनुपस्थिति में दलदली स्थानों पर, पेड़-पौधों और कार्बनिक पदार्थों के गलनेसड़ने से बनती है, इसलिए इसे मार्श गैस कहते हैं। इसक ...Read More
Explanation : हाइड्रोजन बम अनियंत्रित संलयन अभिक्रिया सिद्धांत पर आधारित होता है। हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) जिसकी संहारिक क्षमता परमाणु बम से कई गुणा ज्यादा होती है, के निर्माण में नाभिकीय संलयन का सिद्धांत निहित है। नाभिकीय संलयन प्रक्रिय ...Read More
Explanation : मिल्क ऑफ मैग्नीशिया का ph मान 10 है। मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड (Magnesium hydroxide) एक अकार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र Mg(OH)2 है। इसे 'मिल्क ऑफ मैग्नीशिया' कहते हैं क्योंकि जल में घुलकर यह दूध जैसा दिखता है। इसका उपयोग प ...Read More
Explanation : अश्रु गैस में क्लोरीन गैस होती है। अश्रु गैस या ‘आंसू गैस’ (Tear gas) एक हथियार के रूप में प्रयोग की जाने वाली गैस है। अनियंत्रित तथा उपद्रव कर रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अश्रु गैस का उपयोग किया जाता है। हालांकि अश्रु गैस ...Read More