हिन्दू पेट्रियट के संपादक कौन थे?

(A) हेम चंद्राकर
(B) हरिश्चंद्र मुखर्जी
(C) दीनबंधु मित्र
(D) दिगंबर विश्वास

Question Asked : UPPSC 1998

Answer : हरिश्चंद्र मुखर्जी

हिन्दू पेट्रियट संपादक हरिश्चंद्र मुखर्जी थे। नील आंदोलन (1859-60) बंगाल के नदिया जिले के गोविंदपुर गांव से प्रारंभ हुआ था। नील उत्पादक किसानों को एक मामूली सी रकम अग्रिम देकर उनसे करारनामा लिखवा लेते थे, जो बाजार भाव से काफी कम दाम में हुआ करता था। इस प्रथा को 'ददनी प्रथा' कहा जाता था। एक नील उत्पादक के दो भूतपूर्व कर्मचारियों दिंगम्बर विश्वास और विष्णु विश्वास के नेतृत्व में किसान एकजुट हुए, और नील की खेती बंद करने का निर्णय ले लिया। नील आंदोलन सफल रहा, जिसका कारण रैय्यतों का अनुशासन, एकजुटता, संगठन और सहयोग था। 'हिंदू पैट्रियट' के संपादक, 'हरीशचंद्र मुखर्जी' ने इस आंदोलन को अपनी लेखनी द्वारा प्रचारित किया। इस संबंध में 'दीनबंधु' के नाटक 'नील दर्पण' का नाम भी उल्लेखनीय है। सीटोर कार की अध्यक्षता में चार सदस्यी नील आयोग का गठन 1860 में किया गया। इस आयोग ने किसानों का समर्थन किया।
Tags : आधुनिक इतिहास आधुनिक भारत इतिहास प्रश्नोत्तरी
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Hindu Patriot Ka Sampadak Kaun The