Explanation : गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन गुरु ही नहीं, बल्कि अपनों से बड़े यानी माता-पिता, भाई-बहन को गुरुतुल्य समझकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। गुरु पूर्णिमा 2022 में 13 जुलाई (बुधवार) को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में गुरु को ईश्वर से भी श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि गुरु ही है जो संसार रूपी भव सागर को पार करने में सहायता करते हैं। गुरु के ज्ञान और दिखाए गए मार्ग पर चलकर व्यक्ति मोक्ष पाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा के पावन दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास (वेद व्यास) का जन्म हुआ था। कृष्ण द्वैपायन व्यास संस्कृत के महान विद्वान थे। हिंदू धर्म में 18 पुराणों का जिक्र है, जिनके रचयिता भी महर्षि वेदव्यास ही हैं। साथ ही वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी कृष्ण द्वैपायन व्यासजी को जाता है, जिस वजह से इनको वेदव्यास के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि वेदव्यास को आदिगुरु भी कहा जाता है, जिस वजह से गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
गुरु पूर्णिमा कब है?
गुरु पूर्णिमा 2023 : सोमवार, 3 जुलाई 2023
गुरु पूर्णिमा 2024 : रविवार, 21 जुलाई 2024
गुरु पूर्णिमा 2025 : गुरुवार, 10 जुलाई 2025
गुरु पूर्णिमा 2026 : बुधवार, 29 जुलाई 2026
गुरु पूर्णिमा 2027 : रविवार, 18 जुलाई 2027
गुरु पूर्णिमा 2028 : गुरुवार, 6 जुलाई 2028
गुरु पूर्णिमा 2029 : बुधवार, 25 जुलाई 2029
गुरु पूर्णिमा 2030 : सोमवार, 15 जुलाई 2030
गुरु पूर्णिमा 2031 : शुक्रवार, 4 जुलाई 2031
गुरु पूर्णिमा 2032 : गुरुवार, 22 जुलाई 2032
....अगला सवाल पढ़े