Explanation : आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2021 11 जुलाई से शुरू होकर 18 जुलाई तक है। कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 5:31 बजे से 7:47 बजे तक है। हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली माना जाता है। वर्ष में चार नवरात्रियां होती हैं–चैत्र, आषाढ़, आश्विन और पौष माह में। चारों नवरात्रिशुक्ल पक्ष प्रतिपदा से प्रारम्भ होकर नवमी तिथि तक मनाई जाती हैं। इनमें से दो नवरात्रि गुप्त हैं। माघ और आषाढ़ मास में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त कहा जाता है। गुप्त इसलिए, क्योंकि ये देवी की गुप्त शक्तियों की आराधना अर्थात् दशमहाविद्याओं की पूजा-अर्चना का अवसर माना जाता है।
गुप्त नवरात्रि पूजन में नौ दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। दुर्गा सप्तशती के पाठ में दुर्गा कवच, अर्गला स्तोत्र व कीलक का पाठ अनिवार्य अंग है। दुर्गा सप्तशती के कवच पाठ में नौ स्वरूपों में पहला शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्मचारिणी, तीसरा चंद्रघंटा, चौथा कूष्माण्डा, पांचवां स्कंदमाता, छठा कात्यायनी, सातवां कालरात्रि, आठवां महागौरी और नौवां सिद्धिदात्री का उल्लेख मिलता है। चाहे सामान्य नवरात्रि हों या गुप्त, देवी आराधना में नौ दिन के पूजा व्रत, चंडी पाठ एवं कुमारी पूजन का विशेष महत्त्व है। किंतु इसमें भी अष्टमी तिथि की रात्रि तंत्र साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण है। तंत्र साधक भी इस दिन अपनी साधना पूर्ण करते हैं तथा अपने मंत्र को सिद्ध करते हैं। अगर आप किसी प्रकार से मंत्रों का जप करते आ रहे हैं, तो अष्टमी को उन मंत्रों का दशांश हवन करना चाहिए। विशेष हवन के लिए आप लाल चन्दन, अष्टगन्ध, खीर, मधु, अनार के दाने हवन सामग्री में मिला कर हवन कर सकते हैं।
गुप्त नवरात्रि की सामग्री- दुर्गा मां की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि।
गुप्त नवरात्रि में पूजा ऐसे करें–
1. गुप्त नवरात्रि में आधी रात को मां दुर्गा की पूजा की जाती हैं।
2. दुर्गा मूर्ति या चित्र स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और चुनरी अर्पित करें।
3. इसके बाद मां दुर्गा के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित करें।
4. मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है।
5. सरसों के तेल का दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करें।
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