गोरख जगायो जोग भगति भगायो लोग का अर्थ

(A) वर्ण धर्म आया
(B) इच्छाओं का कर्म पर प्रभाव
(C) वर्ण धर्म गया
(D) बुरी इच्छाओं ने कर्म को बढ़ाया

Answer : वर्ण धर्म गया

Explanation : गोरख जगायो जोग भगति भगायो लोग का अर्थ – प्रसंग कलिकाल वर्णन का है जिसमें कवि कहता है कि वर्ण धर्म गया, और सब आश्रम के लोगों ने अपना स्थान (पद) छोड़ दिया, ड से चकित होकर परावना (भगी) सी पड़ी है। काम, उपासना (भक्ति) और ज्ञान की बुरी इच्छाओं ने कर्म आदि का नाश किया। 'कवितावली (कवित्व रामायण) तुलसीदास द्वारा ब्रजभाषा में रचित मुक्तक काव्य है। यह सात कांडों में विभक्त 325 कवित्व छंदों की रामकथा है।
Tags : हिंदी साहित्य
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Web Title : Gorakh Jagayo Jog Bhagati Bhagayo Log Ka Arth