गिरा अरथ जल बीचि सम कहियत पंक्ति किस कवि की है?

(A) केशवदास
(B) तुलसीदास
(C) ईश्वरदास
(D) नागरीदास

Question Asked : UGC-NET/JRF 2016 -IInd Paper

Answer : तुलसीदास

Explanation : 'गिरा अरथ, जल बीचि सम कहियत भिन्न न भिन्न। बंदौं सीताराम पद जिनहि परम प्रिय खिन्न॥" उक्त काव्य पंक्तियाँ कवि तुलसीदास की हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में बालकांड के अंतर्गत अठारहवाँ दोहा में इन्हें लिखा है। जिसका अर्थ है कि जो वाणी और उसके अर्थ तथा जल और जल की लहर के समान कहने में अलग-अलग हैं, परन्तु वास्तव में एक ही हैं। उसी प्रकार राम और सीता के चरणों की वंदना करता हूँ, जिन्हें दीन-दु:खी बहुत ही प्रिय हैं।
Tags : हिंदी साहित्य
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Web Title : Gira Arath Jal Bichi Sam Kahiyat