गरीबों ने रोजे रखे तो दिन बड़े हो गये का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) निर्धन का भागय बुरा होता है
(B) एक काम करना और उसी से सम्बन्धित दूसरे काम को करने में हिचक होना
(C) स्वार्थी व्यक्ति स्वार्थ के लिए साथ होता है। ​स्वार्थ सिद्ध होते ही वह मुंह फेर लेता है
(D) गंवार सिधाई से कम मूल्य की वस्तु न देकर अधिक मूल्य की वस्तु दे देता है

Answer : निर्धन का भागय बुरा होता है

Explanation : गरीबों ने रोजे रखे तो दिन बड़े हो गये का अर्थ garibon ne roje rakhe to din bade ho gaye है 'निर्धन का भागय बुरा होता है।' हिंदी लोकोक्ति गरीबों ने रोजे रखे तो दिन बड़े हो गये का वाक्य में प्रयोग होगा – पूरे महीने मजदूरी करने के बाद जब पैसा मिलने का समय आया तो ठेकेदार गरीबों का पैसा हड़प कर भाग गया। मजूदरों को न तो पैसा मिल और न ही उन्हें काम पर रखा गया। उनका हाल गरीबों ने रोजे रखे तो दिन बड़े हो गये जैसा हो गया। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'गरीबों ने रोजे रखे तो दिन बड़े हो गये' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Garibon Ne Roje Rakhe To Din Bade Ho Gaye