Explanation : संविधान के भाग XX के अनुच्छेद 368 में संसद को संविधान एवं इसकी व्याख्या में संशोधन की शक्ति प्रदान की गई है। संविधान के अनेक उपबंध संसद के दोनों सदनों द्वारा साधारण बहुमत से संशोधित किये जाते हैं। ये व्यवस्थाएँ अनुच्छेद 368 की सीमा से बाहर है। इन व्यवस्थाओं में शामिल है–
नए राज्यों का प्रवेश या गठन नए राज्यों का निर्माण और उसके क्षेत्र,
सीमाओं या संबंधित राज्यों के नामों का परिवर्तन
राज्य विधान परिषद् का निर्माण या उसकी समाप्ति आदि।
इसमें नए राज्यों के गठन की प्रक्रिया के चरण इस प्रकार हैं–
1. सर्वप्रथम संबंधित राज्य विधानसभा में अलग राज्य बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित का पारित होना
2. प्रस्ताव पर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी
3. जरूरी मुद्दों पर विचार के लिए हेतु मंत्रिसमूह का गठन
4. मंत्रि समूह की सिफारिशों को कैबिनेट की दोबारा मंजूरी
5. सिफारिशों को राष्ट्रपति के पास भेजा जाना
6. राज्य के विधायकों की राय को शामिल करते हुए गृह मंत्रालय द्वारा एक नया कैबिनेट नोट तैयार करना
7. राज्य पुनर्गठन विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के लिए अंतिम रूप से भेजा जाना
8. संसद में पेश होने के बाद दोनों सदनों से साधारण बहुमत से पारित होना
8. राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद नया राज्य गठित होना
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