Explanation : ईद-उल-जुहा हजरत इब्राहिम की याद में मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, अल्लाह ने हज़रत इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उनसे उनकी सबसे प्यारी और अज़ीज़ चीज़ की कुर्बानी देने के लिए कहा था। हज़रत इब्राहिम के लिए सबसे अज़ीज़ और प्यारे उनके बेटे हज़रत ईस्माइल ही थे। लेकिन हज़रत इब्राहिम ने बेटे के लिए अपनी मुहब्बत के बजाए अल्लाह के हुक्म को मानने का फैसला किया और अपने बेटे को अल्लाह के लिए कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए। कहा जाता है कि जब हज़रत इब्राहिम के बेटे हज़रत ईस्माइल को इस बारे में पता चला तो वे भी कुर्बान होने के लिए राज़ी हो गए। हज़रत इब्राहिम ने आंखें बंद करके जैसे ही अपने बेटे की गर्दन पर छुरी चलाई तो अल्लाह ने उनके बेटे की जगह दुंबा भेज दिया। इस तरह उनके बेटे बच गए और दुंबा कुर्बान हो गया। इसके बाद से ही अल्लाह की राह में कुर्बानी देने का सिलसिला शुरू हो गया औरईद अल-अज़हा या बकरीद मनाई जाने लगी। बकरीद का पर्व इस्लाम के पांचवें सिद्धान्त हज को भी मान्यता देता है। बकरीद के दिन मुस्लिम बकरा, भेड़, ऊंट जैसे किसी जानवर की कुर्बानी देते हैं। बकरीद के दिन कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक खुद के लिए, दूसरा सगे-संबंधियों के लिए और तीसरा गरीबों के लिए।
बता दे कि इस्लाम धर्म के दो सबसे बड़े त्योहार ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अजहा (Eid-ul-Adha 2020) होते हैं। ईद-उल-फित्र को मीठी ईद कहते हैं, यह ईद रमजान के महीने भर के रोज़े रखने के बाद मनाई जाती है, जबकि ईद-उल-अजहा बकरीद (Bakrid) को कहते हैं, जिस पर कुर्बानी की जाती है। ईद-उल-फित्र की तरह ही बकरीद का त्योहार भी तीन दिनों तक बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है और तीन दिन तक कुर्बानी का सिलसिला चलता है। इस पर्व पर इस्लाम धर्म के लोग साफ-पाक होकर नए कपड़े पहनकर नमाज पढ़ते हैं। नमाज पढ़ने के बाद कुर्बानी की प्रक्रिया शुरू होती है।....अगला सवाल पढ़े
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सात घोड़े की तस्वीर रविवार के दिन लगाना चाहिए, क्योंकि यह दिन सूर्य देवता का दिन माना गया है। इसी के साथ रविवार के दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से जीवन में अवश्य ही लाभ मिलता है तथा सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। सात दौड़ते हुए घोड़ों की तस ...Read More
हर महीने की शुक्ल चतुर्थी को विनायक जयंती तथा कृष्ण पक्ष चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं, जो गणपति के दो दिव्य जन्म और अवतरण का सूचक है। पहले जन्म में वह देहधारी विनायक हैं। दूसरे में वह हाथी का मस्तक धारण किए हुए श्री गणेश हैं। पुराणों के अनुसार ...Read More
ज्योतिष और खगोल शास्त्र के विद्वान पंडित सूर्यनारायण व्यास का जन्म 2 फरवरी, 1902 को उज्जैन में हुआ था। 1932 में एक लेख में भविष्य में आने वाले 300 भूकंपों की सूची प्रकाशित कर दी थी, जो समय के साथ सच साबित होते रहे। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, राजे ...Read More
ऐसे व्यक्ति, जिनका जन्म किसी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 9 बनता है। मूलांक 9 के स्वामी ग्रह मंगलहैं। ऐसे जातकों का अदम्य साहस, दृढ़ इच्छाशक्ति व व्यक्तित्व उन्हें सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। किसी भी कार्य में हार ना ...Read More
जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक बनता है 8, जिसके स्वामी ग्रह हैं शनि। आने वाले वर्ष में अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित करें और फिर उन्हें प्राप्त करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार करते हुए अपनी प्रबंधन क् ...Read More
किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को जिनका जन्म हुआ है, उनका मूलांक बनता है सात। इस अंक के स्वामी ग्रह हैं केतु। आप स्वभाव से गंभीर प्रवृत्ति के, खोजी और दूरदृष्टि वाले व्यक्ति हैं। आपके मित्रों का दायरा सीमित होता है, लेकिन जिसे मित्र मानते हैं, उस ...Read More
जिस व्यक्ति के जन्म की तारीख किसी भी महीने की 6, 15 या 24 तारीख है, उनका मूलांक 6 बनता है। अंक छह के स्वामी ग्रह शुक्र हैं, जो वैभव, सौंदर्य, मिलनसारिता, संगीत कला नाट्य में रुचि प्रदान करते हैं। ये रुचियां इस साल आगे बढ़ेंगी। अपनी बुद्धिमता का प्रयो ...Read More
जिनका जन्म मई महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 5 बनता है। इसके स्वामी ग्रह बुध हैं। इस मूलांक वाले दृढ़ता और बुद्धिमत्ता के साथ अपने सभी कार्यों को करने में सफल रहते हैं। अपनी रचनात्मक क्षमता के कारण इन्हें इस साल लाभ होने वाला है। इ ...Read More
ऐसे व्यक्ति जिनका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या फिर 31 तारीख को हुआ हो, उनका मूलांक 4 बनता है। इसके स्वामी ग्रह राहु हैं। अपने अनुशासन को आप बनाए रखेंगे। इस साल भी अपने काम पर फोकस करके आप कार्यों को पूरा कर पाएंगे। इस साल पैसा कुछ अधिक खर्च होग ...Read More
Web Title : Eid Ul Adha Kiski Yad Mein Manaya Jata Hai