स्वदेशी चिकित्सा किताब राजीव दीक्षित PDF Download- वात, पित्त एवं कफ ये तीन दोष शरीर में जाने जाते है। ये दोष यदि विकृत हो जायें तो शरीर को हानि पहुंचाते हैं, और मृत्यू का कारण बन जाते हैं। यदि ये वात, पित्त एवं कफ सामान्य रूप से संतुलन में रहें तो शरीर की सभी क्रियाओं का संचालन करते हुये शरीर का पोषण करते है यद्यपि ये वात, पित्त, कफ शरीर के सभी भागों में रहते हैं, लेकिन विशेष रूप से वात नाभि के नीचे वाले भाग में पित्त नाभि और हृदय के बीच में कफ हृदय से ऊपर वाले भाग में रहता है। यहां हम आपको स्वदेशी चिकित्सा राजीव दीक्षित पुस्तक का लिंक उपलब्ध करवा रहे हैं। इस लिंक पर क्लिक करके आप स्वदेशी चिकित्सा किताब का पीडीएफ वर्जन डाउनलोड कर सकते हैं। eBook Source : archive.org
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