इस विश्व में विभिन्न प्रकार की भाषाएं बोली जाती है। वे सब अलग-अलग नामों से प्रख्यात हैं। यथा-हिंदी, अंग्रेजी, अरबी, उर्दू, फारसी, बांग्ला, मराठी, मैथिली, नेपाली, गुजराती, तमिल आदि।
व्याकरण उस विद्या का नाम है जिसके द्वारा मनुषय शुद्ध बोलना और शुद्ध लिखना ज्ञात कर सके। संस्कृत भाषा में व्याकरण को वेद का अंग माना गया है।
प्रत्येक भाषा का व्याकरण पृथक-पृथक है। क्योंकि बिना व्याकरण के कोई भी भाषा शुद्ध लिखी या बोली नहीं जा सकती है। अत: हिंदी भाषा का भी पृथक् व्याकरण है जिससे हिंदी शुद्ध बोली और शुद्ध लिखी जा सकें।