प्रत्येक देश के साहित्य में उस देश की लोक-कथाओं का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। भारत का साहित्य जितना पुराना है, उतनी ही पुरानी इसकी लोक-कथायें हैं। इन कथाओं में भी श्री विष्णु शर्मा द्वारा रचित लोक-कथाओं का स्थान सबसे ऊंचा है। इन कथाओं का पांच भागों में संकलन किया गया है। इन पांचों भागों के संग्रह का नाम ही ‘पंचतंत्र’ है।
पंचतंत्र की कथायें निरुद्देश्य कथायें नहीं हैं। उनमें भारतीय नीतिशास्त्र का निचोड़ है। प्रत्येक कथा नीति के किसी भाग का अवश्य प्रतिपादन करती है। प्रत्येक कथा का निश्चित् उद्देश्य है।