‘मानक हिंदी व्याकरण’ विद्यार्थियो की अनेक आवश्यकताओं को ध्यान रखकर प्रस्तुत किया गया है। आज-कल सभी पुराने विषयों का विवेचन बहुत कुछ नये ढंग से होने लगा है; और नये ढंग सदा विषय को सरल तथा सुबोध बनाने के उद्देश्य से ही अपनाये जाते है। इस व्याकरण का उद्देश्य विद्यार्थियों को बहुत सहज में और नये मनोरंजक ढंग से व्याकरण की जटिल तथा शुष्क बातो से परिचित कराना है। इसमे अनेक शब्दभेदों की बिलकुल नई प्रकार की व्याख्या दी गई है, और विपय-विभाजन भी बहुत कुछ नये ढंग से किया गया है। यही इस व्याकरण की ऐसी विशेषता है जिससे इसके अधिक उपयोगी तथा उपादेय सिद्ध होने की आशा है। मेरा विश्वास है कि अध्यापक तथा विद्यार्थी इसे अन्यान्य अनेक व्याकरणों की तुलना में अधिक महत्त्व की दृष्टि से देखेंगे; और इससे अपेक्षया अधिक लाभ उठा सकेंगे। यदि ऐसा हुआ तो लेखक अपना यह नया प्रयत्न और सारा परिश्रम सफल समझेगा।