अपने सामने | Apane Samane Book PDF Download

Apne Samne
लेखक
कुंवर नारायण | Kunvar Narayan
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज
664 KB
कुल पृष्ठ
114

कुंवर नारायण कायह कविता-संग्रह एक लम्बे समय कें बाद आ रहा है। ‘आत्मजयी’ के बाद की ये कविताएँ रचनाकाल की दृष्टि से किसी एक ही समय की नहीं हैं; इसलिए एक तर चर की भी नहीं हैं। विविधता वैसे भी उनकी विशिष्टता है क्योंकि जीवन को अनुभूति और चिन्तन के विभिन्न धरातलों पर ग्रहण करनेवाले कवि कुंवर नारायण अपनी कविताओं में सीमाएँ’ नहीं बनाते; उनकी ज्यादातर कविताएँ किसी एक ही तरह की भाषा या विषय में विसर्जित-सी हो गयी नहीं लगतीं -दोनो को विस्तृत करती लगती हैं। अनेक कविताएँ मानो समाप्त नहीं होती, एक खास तरह हमारी बेचैनियों का हिस्सा बन जाती हैं। इस तरह से देखें तो वे अपने को सिद्ध करनेवाले कवि हमें नहीं नजर आते। वे बराबर अपनी कविताओं में मुहावरों से बचते हैं और अपने ढंग से उनसे लड़ते भी हैं। उनकी कविता की भाषा में धोखे नहीं हैं। अधिकांश कविताओं का पैनापन जिन्दगी के कई हिस्सों को बिल्कुल नये ढंग से छूता है। हिंदी के अग्रणी आधुनिक कवि कुंवर नारायण की कविता को दुनिया में जाने का मतलब जिन्दगी को गहराई और विस्तार से देखने और जानने का अच्छा मौका पा लेना है ।

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