ई विधानसभा का अर्थ विधानसभा के सभी रिकॉर्डों को डिजिटल करना है। जिससे पेपर प्रिंटआउट पर होने वाले करोड़ों रूपये की बचत हो सके। हिमाचल प्रदेश विधानसभा देश की सबसे पहली ई-विधान प्रणाली लागू करने वाली पेपरलैस विधानसभा बन चुकी है। इसके बाद केरल राज्य विधानसभा द्वारा 17 मई, 2019 को ई-विधान को लॉच किया गया, जो सभी रिकॉर्डों को डिजिटल बनाने की पहल है। परियोजना का पहला चरण 14 माह में पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना पर लगभग रु 40 करोड़ खर्च होने की उम्मीद है। इस परियोजना के पूरी हो जाने से सभी विधानसभाओं की कार्यवाही जैसे किसी सदस्य द्वारा नोटिस जमा करना, प्रश्न और उत्तर तथा विधानसभा के संबंध में अन्य सभी पत्राचार एवं व्यवसाय कागज रहित हो जाएंगे।
असेम्बली सैकड़ों विभिन्न समिति, रिपोर्टों, विधेयकों, नोटिसों और कई अन्य रिपोर्टों को संभालती है, जो बड़े पैमाने पर कागजी कार्यवाही की मांग करते हैं। ई-विधान, विधानसभा द्वारा हस्तांतरित सभी व्यवसाय में कागज से पूरी तरह से छुटकारा दिलाएगा। विधानसभा और पुस्तकालय से जुड़े विभिन्न विभागों के कामकाज को भी परियोजना के हिस्से के रूप में कागज रहित बनाया जाएगा। इससे वार्षिकी लगभग रु 35 से 49 करोड़ की बचत होगी, क्योंकि राज्य रु 40 करोड़ का खर्च पेपर प्रिंटआउट लेने में कर रहा है।