दूल्हा को पत्तल नहीं, बजनिए को थाल का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) ताकतवर आदमी दबाव डालकर काम करवाता है
(B) ताकतवर आदमी का अत्याचार चुपचाप सहना पड़ता है
(C) बोली से ही सम्मान और बोली से अपमान होता है
(D) जिसका जो हक है वह उसे न मिलकर दूसरे को मिले

Answer : जिसका जो हक है वह उसे न मिलकर दूसरे को मिले

Explanation : दूल्हा को पत्तल नहीं, बजनिए को थाल का अर्थ dulha ko pattal nahi bajanie ko thal है 'जिसका जो हक है वह उसे न मिलकर दूसरे को मिले।' हिंदी लोकोक्ति दूल्हा को पत्तल नहीं, बजनिए को थाल का वाक्य में प्रयोग होगा – इतना पढ़ने लिखने के बाद भी राम गोपाल को दफ्तर में चपरासी की नौकरी मिली है, ये तो दूल्हा को पत्तल नहीं बजनिए को थाल के समान है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'दूल्हा को पत्तल नहीं, बजनिए को थाल' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
Tags : लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे हिंदी लोकोक्तियाँ हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Dulha Ko Pattal Nahi Bajanie Ko Thal