दुधारु गाय की लात भली का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) जिससे लाभ हो, उसकी खरी-खोटी भी बुरी नहीं लगती
(B) सामर्थ्यवान के सब साथी हैं।
(C) निर्लज्ज व्यक्ति
(D) काला धन अधिक समय तक नहीं रहता

Answer : जिससे लाभ हो, उसकी खरी-खोटी भी बुरी नहीं लगती

Explanation : दुधारु गाय की लात भली का अर्थ dudharu gay ki laat bhali है 'जिससे लाभ हो, उसकी खरी-खोटी भी बुरी नहीं लगती।' हिंदी लोकोक्ति दुधारु गाय की लात भली का वाक्य में प्रयोग होगा – प्राय: देखा गया है कि आज के स्वार्थी समाज में लोग जिससे लाभ हो गया जिसमें गुण हों उसकी बात तो बात झिड़की को भी सहते हैं। इसी पर कहावत भी है-दुधारू गाय की लात भली।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'दुधारु गाय की लात भली' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Dudharu Gay Ki Laat Bhali