दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) लाभ के स्थान पर हानि होना
(B) शीघ्रता से प्रस्तावित कार्य का सम्पन्न हो जाना
(C) कुछ प्रयत्न से ही फल मिलेगा
(D) एक बार की हानि भविष्य के लिए सचेत कर देती है

Answer : एक बार की हानि भविष्य के लिए सचेत कर देती है

Explanation : दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है का अर्थ doodh ka jala chhachh bhi phook phook kar pita hai है 'एक बार की हानि भविष्य के लिए सचेत कर देती है।' हिंदी लोकोक्ति दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है का वाक्य में प्रयोग होगा – ट्रेन में एक बार सूटकेस चोरी चले जाने के बाद सफर में वह हमेशा अब जागता रहता है क्योंकि दूध का जला छाछ फूंक-फूंक कर पीता है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Doodh Ka Jala Chhachh Bhi Phook Phook Kar Pita Hai