Answer :कार्यपालक मजिस्ट्रेट और न्यायिक मजिस्ट्रेट दोनों
Explanation : दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 44 के अनुसार मजिस्ट्रेट द्वारा गिरफ्तारी के बार में उपबंध किया गया है। इस धारा के अधीन स्वयं किसी कार्यपालक एवं न्यायिक मजिस्टेट को उपस्थिति में उसकी स्थानीय अधिकारिता के अंदर कोई अपराध किया जाता है तब वह अपराधी को स्वयं गिरफ्तार कर सकता है या गिरफ्तार करने के लिए किसी व्यक्ति को आदेश दे सकता है। और तब, जमानत के बारे में इसमें अंतर्विष्ट उपबंधों के अधीन रहते हुए, अपराधी की अभिरक्षा के लिए सुपुर्द कर सकता है।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : उम्रकैद की सजा कैदी की अंतिम सांस तक की होती है। सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर 2015 को एक बार फिर स्पष्ट किया था कि उम्र कैद का मतलब उम्रकैद (Life imprisonment) होता है न कि 14 साल। यानी पूरी उम्र सलाखों के पीछे। सुप्रीम कोर्ट ने कह ...Read More
Explanation : दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 अप्रैल 1974 के प्रथम दिन प्रवृत्त लागू होगी। यह उपबंध संहिता की धारा 1(3) में किया गया है अत: दंड प्रक्रिया संहिता 1 अप्रैल, 1974 को प्रवृत्त हुई। दंड प्रक्रिया संबंधी विधि का समेकन और संशोधन करने के लि ...Read More
Explanation : भारतीय दंड संहिता ब्रिटिश काल में 1 जनवरी, 1862 से लागू हुई। इसके बाद समय-समय पर संशोधन होते रहे (विशेषकर भारत के स्वतंत्र होने के बाद)। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी भारतीय दंड संहिता को ही लागू किया। लगभग इसी रूप में यह विधान त ...Read More
Explanation : प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार शरीर व संपत्ति दोनों से संबंधित है। भारतीय दंड संहिता की धारा 97 में प्रत्येक व्यक्ति को मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराध के विरुद्ध अपने शरीर की एवं अन्य व्यक्ति के शरीर की प्रतिरक्षा का अधिकार ...Read More
Explanation : मैकनॉटन का वाद विकृतचित्तता से संबंधित हैं। इसे भारतीय दंड संहिता की धारा 84 के अंतर्गत व्याख्यायित किया गया है। धारा 84 के अनुसार कोई बात अपराध नहीं है, जो उसे करते समय चित्तविकृत के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह कि जो कुछ वह ...Read More
Explanation : सूत्र "तध्यगत भूल क्षम्य है" भारतीय दंड संहिता की धारा 76 से संबंधित है। भारतीय दंड संहिता की धारा 76 के अनुसार कोई बात अपराध नहीं है, जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए जो उसे करने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो या जो तथ्य की भूल के ...Read More
Explanation : विधि विरुद्ध जमाव में 5 व्यक्तियों की न्यूनतम संख्या होती है। भारतीय दंड संहिता की धारा 141 में विधि विरुद्ध जमाव को परिभाषित किया गया हैं। धारा 141 के अनुसार पांच या अधिक व्यक्तियों का जमाव 'विधिविरुद्ध जमाव' कहा जाता है यदि उन ...Read More
Explanation : भारतीय दंड संहिता की धारा 304(B) में दहेज मृत्यु का उपबंध है। इसके अनुसार- जहाँ किसी स्त्री की मृत्यु किसी दाह या शारीरिक क्षति द्वारा कारित की गयी है या उसके विवाह के सात वर्ष के भीतर सामान्य परिस्थितियों से अन्यथा हो जाती है और ...Read More
Explanation : मानहानि की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 499 में दी गयी है। धारा 499 के अनुसार जो कोई बोले गये या पढ़े जाने के लिए आशयित शब्दों द्वारा या दृश्य-रूपणों द्वारा किसी व्यक्ति के बारे में काई लांछन इस आशय से लगाता या प्रकाशित करता ...Read More
Explanation : भारतीय दंड संहिता की धारा 53 में पांच प्रकार के दंड का प्रावधान किया गया है। जबकि, पूर्व समय में भारतीय दंड संहिता की धारा 53 में छ: प्रकार के दंड का प्रावधान किया गया था, तीसरे प्रकार के दंड का प्रावधान को 1949 के अधिनियम सं. 17 ...Read More
Web Title : Dhara 44 Mein Giraftari Ke Liye Pradhikrit Kiya Gaya Hai