कोरोना वायरस Coronavirus disease (COVID-19) मुनष्यों और जानवरों में बीमारी फैलाने वाले विषाणुओं का एक बड़ा समूह है। इस बीमारी के सामान्य लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, बुखार, खांसी और दम फूलना आदि शामिल हैं। ज्यादा गंभीर मामलों में इसके प्रकोप में न्यूमोनिया, सीवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम-सार्स, गुर्दे नाकाम हो जाना और मौत तक हो सकती है। ऐसा कम ही देखा गया है जब जानवरों के कोरोना वायरस विकसित होकर मनुष्यों को संक्रमित करें और उसके बाद मनुष्यों से मनुष्यों में ही इस बीमारी का संक्रमण होने लगे, इस बीमारी का संक्रमण होने लगे, जैसा कि 2003 में सार्स (सीवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम) और 2014 में मिडिल ईस्ट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम (मर्स) के मामले में देखा गया था।
31 दिसंबर 2019 को चीन में नोवेल कोरोना वायरस का प्रकोप फैलने की जानकारी मिली। चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर के समुद्री खाद्य पदार्थों के बाजार में दिसंबर 2019 के शुरू में इस बीमारी के फैलने का सबसे पहले पता चला और कुछ ही समय में इसने चीन के सभी प्रांतों को अपनी चपेट में लिया। वैज्ञानिकों ने इसे अस्थायी रूप से 2019-एनसीओवी (नया कोरोना वायरस) नाम दिया। वुहान से फैली न्यूमोनिया जैसे लक्षणों वाली इस बीमारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आधिकारिक रूप से कोविड-19 नाम दिया है। संगठन ने 30 जनवरी, 2020 को इसके प्रकोप को ”सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सरोकार वाली आपात स्थिति” (पीएचईआईसी) करार दिया है।
इस वायरस की पहचान पहली बार 31 दिसंबर 2019 को चीन में हुई थी। WHO के प्रमुख टेड्रोस एधानोम गेब्रेयेसुस ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, ‘अब हमारे पास बीमारी के लिए नाम है और यह कोविड-19 है।’ उन्होंने नाम की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘को’ का मतलब ‘करॉना’, ‘वि’ का मतलब ‘वायरस’ और ‘डी’ का मतलब ‘डिसीज’ (बीमारी) है। डब्ल्यूएचओ ने करॉना को विश्व के गंभीर खतरा बताया है। दिसंबर में इस वायरस की पहचान होने के बाद से अकेले चीन में 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी थी, 42,000 से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं और यह 25 देशों में फैल चुका है।
नये कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की मानक सिफारिशों में नियमित रूप से हाथों को धोते रहना, खांसते और छींकते समय रूमाल से मुंह व नाक को ढक लेना, मांस और अंडों को अच्छी तरह पका कर खाना और खांसने व छींकने जैसी सांस संबसंधी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर ऐसे व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बचना शामिल हैं।
इस वायरस के महामारी संबंधी आयामों जैसे इसकी इनक्यूबेशन अवधि, संक्रमण के तरीके, लक्षणों से पहचाने करने और संक्रमित व्यक्ति से वायरस के फैलाव आदि पर अनुसंधान जारी है। कोई व्यक्ति इस वायरस के संपर्क में आने के करीब दो सप्ताह बाद बीमारी से संक्रमित हो सकता है। नये कोरोना वायरस रोग के मुख्य लक्षण हैं : बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ। रेडियोलॉजी संबंधी जांच से रोगियों में न्यूमोनिया की भी पुष्टि हो सकती है। 10 से 20 प्रतिशत मामलों में रोगियों को वेंटिलेटर के जरिए कृत्रिम सांस देने की आवश्यकता पड़ सकती है। इस बीमारी में मृत्यु दर 2 प्रशितत के आस-पास है।
नये कोरोना वायरस का संक्रमण और फैलाव एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से होता देखा गया है। और यह बीमार व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से उसके खांसते या छींकते समय निकलने वाली सूक्ष्म बूंदों की वजह से होता है। संक्रमित व्यक्ति के मल के नमूनों में वायरस के पाये जाने संबंधी रिपोर्टों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसके असर का अभी अध्ययन किया जा रहा है। नये कोरोना वायरस के सभी संभावित रोगियों का उपचार उन्हें अलग-थलग रखकर किया जाना चाहिए और बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए रोगियों की सेवा-सुश्रुषा और उपचार करने वाले चिकित्सा कर्मियों को सभी सर्वजनीन एहतियांत बरतनी चाहिए। नये कोरोना वायरस के बड़े पैमाने पर फैलाव को देखते हुए न सिर्फ स्वास्थ्य, बल्कि सरकार के सभी क्षेत्रों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। भारत सरकार ने देश में इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए कई कदम उठाये हैं। इसके अलावा भी नये कोरोना वायरस के खतरे को टालने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं।
चीन के हुबेई प्रांप की पूरी तरह तालाबंदी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने वुहान और उसके आसपास के शहरों में पढ़ाई कर रहे भारतीय विधार्थियों और पेशेवर लोगों को स्वदेश लाने का फैसला किया है।