चुनावी बॉण्ड (Electoral Bonds) से तात्पर्य एक ऐसे बॉण्ड से होता है, जिसके ऊपर एक करेंसी नोट की तरह उसकी वैल्यू या मूल्य लिखा जाता है। यह बॉण्ड व्ययक्तियों, संस्थाओं और संगठनों द्वारा राजनीतिक दलों को पैसा दान (चंदे के रूप में) करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान में केद्र सरकार द्वारा राजनीतिक दलों को मिलने वाली चंदे की राशि में पारदर्शिता लाने के लिए रु 1000, रु 10000, रु 1 लाख, रु 10 लाख तथा रु 1 करोड़ मूल्य में चुनावी बॉण्ड जारी किए गए हैं। इन बॉण्डों को भारतीय स्टेट बैंक की चुनिन्दा शाखाओं से ही खरीदा जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा देश के राजनीतिक दलों के चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से वित्त वर्ष 2017-18 के बजट के दौरान चुनावी बॉण्ड को शुरु करने की घोषणा की थी।
चुनावी बांड महत्वपूर्ण क्यों है?
चुनावी बांड का लक्ष्य है कि दान दाता दान करने के लिए बैंकिंग मार्ग का इस्तेमाल करे, ताकि जारीकर्ता प्राधिकरण में उसकी पहचान बनी रहे।
ऐसा इसलिए क्योंकि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, भारत में, राजनीतिक दल अज्ञात स्रोतों से नकद दान स्वीकार करते हैं और पिछले 11 वर्ष की अवधि में पार्टी निधि में 11,300 करोड़ रुपए का लगभग 70% अज्ञात स्रोतों से आया है।