छाज बोले तो बोले, छलनी क्या बोले जिसमें हजार छेद का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) व्यर्थ की बहस से कोई लाभ नहीं है
(B) जब पाप बहुत बढ़ जाता है तब विनाश होता है
(C) अपने अवगुणों को न देखकर दूसरों की आलाचेना करना
(D) संतान के भविष्य को सोचकर धन संचय ठीक नहीं

Answer : अपने अवगुणों को न देखकर दूसरों की आलाचेना करना

Explanation : छाज बोले तो बोले, छलनी क्या बोले जिसमें हजार छेद का अर्थ chhaj bole to bole, chhalani kya bole jisme hajar chhed है 'अपने अवगुणों को न देखकर दूसरों की आलाचेना करना।' हिंदी लोकोक्ति छाज बोले तो बोले, छलनी क्या बोले जिसमें हजार छेद का वाक्य में प्रयोग होगा – भाजपना नेता ने कहा चारा घोटाले को नहीं देखते ऊपर से तहलका प्रकरण पर टिप्पणी करते घूम रहे हैं। छाज (सूप) बोले, तो बोले छलनी तो बोले जिसमें हजार छेद। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'छाज बोले तो बोले, छलनी क्या बोले जिसमें हजार छेद' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Chhaj Bole To Bole Chhalani Kya Bole Jisme Hajar Chhed