चमगादड़ रात में कैसे उड़ते हैं?

(A) अंधेरे में वस्तुओं को देख सकने के कारण
(B) उनकी टांगें कमजोर होती हैं और भूमि पर परभक्षी उन पर आक्रमण कर सकते हैं
(C) रोशनी की कौंध उत्पन्न करने के कारण
(D) पराश्रव्य ध्वनि तरंगें उत्पन्न करने के कारण

Question Asked : [SSC स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2013]

Answer : पराश्रव्य ध्वनि तरंगें उत्पन्न करने के कारण

चमगादड़ यांत्रिक तरंगें जिनकी आवृत्ति 20 हट्र्ज तथा 20 किलो हट्र्ज के बीच होती है, श्रव्य तरंगें कहलाती है। इनकी तरंगदैर्ध्य 16.6 मीटर से 1.66 सेमी. तक होती है। हमारे कान इन्हीं तरंगों के लिए सुग्राही हैं। वे यांत्रिक तरंगे जिनकी आवृत्ति 20 हट्र्ज से कम अथवा तरंगदैर्ध्य 16.6 मीटर से अधिक होती है, अवश्रव्य तरंगें कहलाती है। ये तरंगे बहुत भारी वस्तु के कंपन करने पर उत्पन्न होती हैं। कुत्ते अथवा चमगादड़ इन तरंगों को सुन लेते हैं। वे यांत्रिक तरंगें जिनकी आवृत्ति श्रवण की ऊपरी सीमा से ऊपर अर्थात् 20 किलो हट्र्ज से अधिक तथा 500 मेगा हट्र्ज से कम होती है, पराश्रव्य तरंगें कहलाती हैं। इनकी आवृत्ति श्रवण्पा सीमा से अधिक होने के कारण, हम इनको सुन नहीं पाते हैं, किंतु कुत्ते 50 किलो हट्र्ज तथा चमगादड़ 100 किलो हट्र्ज तक की यांत्रिक तरंगों को सुन सकते हैं। चमगादड़ पराश्रव्य तरंगों को उत्पन्न भी कर सकते हैं।
Tags : सामान्य विज्ञान प्रश्नोत्तरी
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