1. चमगादड़ अंधेर में कैसे उड़ पाते है?
चमगादड़ उड़ते हुए अल्ट्रासोनिक पराश्रव्य तरेंगे उत्पन्न करती है, जो रास्ते से आने वाली किसी भी वस्तु से टकराकर उनके पास लौट आती है, जिससे चमगादड़ों के यह पता लग जाता है कि मार्ग में कोई अवरोधक है, फलत: वे अपना मार्ग बदल लेते हैं। इस प्रका चमगादड़ अंधेरे में उड़ सकते है।
2. पहाड़ों में सांस लेना मैदानी भागों में सांस लेने से ज्यादा कठिन क्यों है?
ऊंचे स्थानों पर वायु का दबाव और वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा घटने लगती है। पहाड़ी भागों में हमें सांस लेने में कठिनाई इसीलिए होती है क्योंकि बाहर की वायु का दबाव हमारे फेफडत्रों की वायु के दबाव से कम होता है।
3. एक साइकिल सवार का प्रारंभ में ज्यादा ताकत लगाकर साइकिल चलानी पड़ती है जबकि साइकिल की गति में आने पर उसका ज्यादा बल नहीं लगता, क्यों?
प्रारंभिक निष्क्रियता को दूर करने और साइकिल को गति प्रदान करने के लिए व्यक्ति को ज्यादा बल लगाना पड़ता है। लेकिन उसकी गति में आने के बाद साइकिल पहले गति के सिद्धांत के अनुरूप कार्य करते हुए एक ही दिशा में आगे बढ़ती है। इसके बाद वायु द्वारा दी जाने वाली सहायता और साइकिल तथा पृथ्वी के बीच भूमिका निभाने वाले घर्षण बल के कारण कुछ देर बाद गति में होने के बावजूद विश्राम की मुद्रा में आ जाती है। इसीलिए साइकिल सवार को प्रारंभ में ज्यादा ताकत से साइकिल खींचनी पड़ती है, जबकि बाद में कम शक्ति लगती है।
4. पहाड़ों पर चढ़ता हुआ व्यक्ति आगे की ओर क्यों झुकता है?
व्यक्ति अपने शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए पहाड़ पर चढ़ते हुए आगे की ओर झुकता है। आगे की ओर झुकते हुए वह गुरुत्व को नियंत्रित करते हुए उसे अपने शरीर के मध्य भाग में ले आता है। इसी तरह इसी चुंबकीय बल को नियंत्रित करने के लिए पहाड़ से नीचे उतरते हुए वह पीछे की ओर झुकता है।