भारत में बहुप्रतीक्षित लोकपाल का गठन मार्च 2019 में हुआ। भ्रष्टाचार पर निगाह रखने वाली इस सर्वोच्च संस्था का प्रमुख सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 19 मार्च, 2019 को नियुक्त किया हैं। राष्ट्रपति ने 23 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें इस पद की […]
अभियुक्त व्यक्ति की हाजिरी की अपेक्षा करने वाली उद्घोषणा मेरे समक्ष परिवाद किया गया है कि…………………….. (नाम, वर्णन और पता) मैंने भारतीय दंड संहिता की धारा……………………..के अधीन दंडनीय,……………………..का अपराध किया ...
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण संबंधी 124वें संविधान संशोधन विधेयक को 12 जनवरी, 2019 को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी प्रदान के गई। इस विधेयक के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में बदलाव किया गया तथा निम्न लोगों को इस आरक्षण के अंतर्गत शामिल […]
दंड विधि संशोधन विधेयक 2018, 30 जुलाई, 2018 को लोसभा तथा 6 अगस्त, 2018 को राज्यसभा से पारित हुआ तथा 11 अगस्त, 2018 को राष्ट्रपति की मंजूरी प्रदान की गई। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि 16-12 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की हाल […]
लोकसभा में 9 अगस्त, 2018 को मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2018 पेश किया गया। यह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) राज्य मानवाधिकार आयोगों (SHRC) और मानवाधिकार अदालतों की स्थापना का प्रावधान करता है। इसके जरिए मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 में संशोधन किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 4 अप्रैल, 2018 को को देश में मानव अधिकारों को ...
101वां संविधान संशोधन अधिनियम (2016) – इस संशोधन अधिनियम का संबंध GST (Goods and Service Tax) से है। 8 सितंबर, 2016 को संविधान (122वां संशोधन) विधेयक, 2014 राष्ट्रपति को हस्ताक्षरोपरांत संविधान (101वां संशोधन) अधिनियम, 2016 के रूप में अधिनियम हुआ। राज्य सभा द्वारा 3 अगस्त, 2016 को तथा लोकसभा द्वारा 8 अगसत, 2016 को यह […]
100वां संविधान संशोधन अधिनियम (2015) – इस संशोधन अधिनियम द्वारा भारत और बांग्लादेश के मध्य 1974 में हस्ताक्षरित ‘भू-सीमा समझौता (Land Boundary Agreement) और तत्ससंबंधी प्रोटोकॉल का अनुमोदन किया गया है। इस संशोधन के अनुसार भारत के बांग्लादेश में स्थिति 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को प्राप्त हुए हैं तथा बांग्लादेश के भारत में स्थित 51 एनक्लेव ...
99वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2014 – नए अनुच्छेद 124क, 124ख तथा 124 ग को संविधान के अनुच्छेद 124 के बाद शामिल किया गया। यह अधिनियम प्रस्तावित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के संघटन तथा अधिकार भी तैयार करता है। The Constitution (Ninety-Ninth Amendment) Act, 2014-Inserted new articles-124 A, 124B and 124C after article 124 of the […]
86वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 – इसका संबंध अनुच्छेद 21 के पश्चात जोड़े गए नए अनुच्छेद 21 ए से है। नया अनुच्छेद 21 ए, शिक्षा के अधिकार से संबंधित है – ‘राज्य को छह से 14 साल तक के सभी बच्चों को निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करानी होगी। यह संबंधित राज्य द्वारा निर्धारित कानून […]
74वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1993 – अनेक राज्यों के भिन्न कारणों से स्थानीय निकाय कमजोर और बेअसर हो गए हैं। इनमें नियमित चुनाव न होना, लंबे समय तक भंग रहना और कर्तव्यों तथा अधिकारों का समुचित हस्तांतरण न होना शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप, शहरी स्थानीय निकाय एक स्वायत्तशासी सरकार की जीवंत लोकतांत्रिक इकाई के रूप […]
73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1993 – संविधान के अनुच्छेद 40 में सुरक्षित किए गए राज्यों की नीति निर्देशक सिद्धांतों में से एक में यह कहा गया है कि राज्यों को ग्राम पंचायतों का गठन करने और उन्हें वे सभी अधिकार प्रदान करने के लिए कदम उठाने चाहिए, जो उन्हें एक स्वायत्तशासी सरकार की इकाइयों के […]
61वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1989 – इस अधिनियम के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 326 का संशोधन करके मताधिकार की आयु 21 से घटकर 18 वर्ष कर दी गई है, ताकि देश के उस युवा-वर्ग को जिसे अभी तक कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता था, अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अवसर मिल सके और वही राजनीतिक […]
44वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 – संपत्ति के अधिकार को, जिसके कारण संविधान में कई संशोधन करने पड़े, मूल अधिकार के रूप में हटाकर केवल विधिक अधिकार बना दिया गया। फिर भी यह सुनिश्चित किया गया कि संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकारों की सूची से हटाने से अल्पसंख्यकों के अपनी पसंद के शिक्षा संस्थानों […]
अष्टांगिक मार्ग क्या है, आइये जानते है। भगवान बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग का उपदेश दिया था। यह हर दृष्टि से जीवन को शांतिपूर्ण और आनंदमय बनाता है।बौद्ध धर्म अनुयायी इन्हीं मार्गों पर चलकर मोक्ष प्राप्त करते हैं। बुद्ध द्वारा बताए गए इन 8 मार्गों का अपना अलग मतलब है। क्या है आष्टांगिक मार्ग? 1. सम्यक […]
श्री श्री रविशंकर का जन्म 13 मई 1956 को तमिलनाडु में हुआ था। पेशे से वह आध्यात्मिक नेता एवं मानवतावादी धर्मगुरु हैं। उनकी संस्था का नाम आर्ट ऑफ लिविंग है। जिसकी स्थापना उन्होंने 1981 में की थी। उनकी संस्था लोगों को सामाजिक समर्थन प्रदान करती है। केवल चार साल की उम्र में रविशंकर श्रीमद्भगवद्गीता के […]