(A) सत्संगति मनुष्यों की कौन-सी भलाई नहीं करती।
(B) सम्बन्ध (मैत्री) तो बातचीत से उत्पन्न हुआ करती है, ऐसा लोग कहते हैं। (C) कन्या वस्तुत: पराई वस्तु है।
(D) इनमें से कोई नहीं
(A) मित्र के प्राणों की रक्षा हर प्रकार से करनी चाहिए।
(B) कण्व का कथन– पुत्रवत् पाला हुआ मृग तेरा मार्ग नहीं छोड़ रहा है। (C) अतिथि देव स्वरूप होता है।
(D) इनमें से कोई नहीं
3. अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभ: का अर्थ
(A) मनु के वंश में उत्प्न्न राजा लोग अपने ही पराक्रम से आत्मरक्षा कर लेते थे।
(B) राजकुमार चंद्रापीड अपने स्थान को लौटने का अनुरोध कर रहे हैं। (C) अप्रिय किंतु परिणाम में हितकर हो ऐसी बात कहने और सुनने वाले दुर्लभ होते हैं।
(D) इनमें से कोई नहीं