हिंदी

1. बुधवार को संस्कृत में क्या कहते हैं?

(A) सौम्यवासरः
(B) भौमवासरः
(C) इंदुवासरः
(D) भानुवासरः

2. मंगलवार को संस्कृत में क्या कहते हैं?

(A) गुरुवासरः
(B) भौमवासरः
(C) इंदुवासरः
(D) भानुवासरः

3. सोमवार को संस्कृत में क्या कहते हैं?

(A) गुरुवासरः
(B) इंदुवासरः
(C) भौमवासरः
(D) भानुवासरः

4. अर्धो घटो घोषमुपैति नूनम् का अर्थ

(A) थोथा चना बाजे घना
(B) खोदा पहाड़ निकली चुहिया
(C) नौ नगर न तेरह उधार
(D) दूर के ढ़ोल सुहावने लगते हैं

5. जलबिन्दुनिपातेन क्रमशः पूर्यते घटः का अर्थ

(A) अज्ञानता विपत्ति का घर है
(B) विपत्ति अकेले नहीं होती
(C) बूंद—बूंद से घड़ा भरता है
(D) नीम हकीम खतरे जान

6. वीरभोग्या वसुन्धरा का अर्थ

(A) गया वक्त हाथ नहीं आता
(B) जिसकी लाठी उसकी भैंस
(C) तन के उजले मन के काले
(D) घमंडी का सिर नीचा

7. संघे शक्ति कलौ युगे का अर्थ

(A) भागते चोर की लंगोटी सही
(B) सेवा बिन मेवा नहीं
(C) एकता में बल है
(D) सांपों को दूध पिलाना उनके विष को बढ़ाना है

8. सर्वे गुणा कांचनम् आश्रयन्ते का अर्थ

(A) मनस्वी पुरुषों के लिए पराभव भी उत्सव के ही समान है।
(B) बलशाली के साथा क्या विरोध?
(C) सोने में ही सब गुण रहते हैं।
(D) इनमें से कोई नहीं

9. स्वभावो दुरतिक्रमः का अर्थ

(A) सभी लोग सब कुछ नहीं जानते हैं।
(B) प्रिय झूठ नहीं बोलना चाहिए यही सनातन धर्म है।
(C) माल्यवान् की कही हुई हितकर बातों को सुनकर कुपित रावण बोला– ‘स्वभाव किसी के लिए भी दुर्लड़्घ्य होता है।
(D) इनमें से कोई नहीं

10. साहसे श्री प्रतिवसति का अर्थ

(A) सज्जन लोगों का धैर्य ही धन होता है।
(B) कल्याण चाहने वाले लोग झूठा प्रिय वचन बोलने की इच्छा नहीं करते हैं।
(C) शर्विलक का कथन है? साहस में लक्ष्मी निवास करती हैं।
(D) इनमें से कोई नहीं

11. सरस्वती श्रुति महती महीयताम् का अर्थ

(A) वह ​नन्दिनी दिन और रात्रि के मध्य सन्ध्या के समान सुशोभित हुई।
(B) मूर्ख व्यक्ति भाग्य को ही प्रमाण मानते हैं।
(C) ज्ञान-गरिष्ठ कवियों की वाणी का पूर्ण सत्कार हो।
(D) इनमें से कोई नहीं

12. सहसा विदधीत न क्रियाम् का अर्थ

(A) किसी के न्यास अर्थात् धरोहर की रक्षा करना दु:खपूर्ण (दुष्कर) है।
(B) कष्ट सहन करने वाले तपस्वियों में से किससे प्रार्थना करें।
(C) शत्रुओं के प्रति क्रोध से व्याकुल भीम को शान्त करने के लिए युधिष्ठिर ने कहा– कार्य को एकाएक बिना विचार विमर्श किये नहीं प्रारम्भ करना चाहिए।
(D) इनमें से कोई नहीं

13. शीलं परं भूषणम् का अर्थ

(A) छाया के समान दुर्जनों और सज्जनों की मित्रता होती है।
(B) तीर्थ जल और अग्नि से अन्य पदार्थ से शुद्धि के योग्य नहीं होते हैं।
(C) यह शील बड़ा भारी आभूषण है।
(D) इनमें से कोई नहीं

14. शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् का अर्थ

(A) क्षण त्यागने से विद्या कहां और कण त्यागने से धन कहां।
(B) चित्र में लिखे हुए बाण निकालने के उद्योग में लगे हुए की भांति हो गया।
(C) ब्रह्मचारी शास्त्रोक्तविधिपूर्वक की गई पूजा को स्वीकार करके पार्वती से बोले– ‘शरीर धर्म का मुख्य साधन है।’
(D) इनमें से कोई नहीं

15. विभूषणं मौनमपण्डितानाम् का अर्थ

(A) समय पर आरम्भ की गयी नीतियां सफल होती हैं।
(B) मृत्यु समीप आ जाने पर कौन किसकी रक्षा कर सकता है।
(C) मूर्खों का मौन रहना उनके लिए भूषण (अलड़्ंकार) है।
(D) इनमें से कोई नहीं