(A) होश आना (B) किसी को देखने की तीव्र इच्छा होना (C) असहाय व्यक्ति का एकमात्र सहारा होना (D) बदल जाना
(A) शर्मिंदा होना (B) साफ मना करना (C) अपना नुकसान खुद करना (D) अपनी प्रशंसा स्वयं करना
(A) कुछ समझ में न आना (B) बुद्धि भ्रष्ट होना (C) अपना मतलब निकालना (D) क्रोध करना
(A) साफ मना करना (B) असहाय व्यक्ति का एकमात्र सहारा होना (C) अति प्रसन्न होना (D) मूर्ख
(A) बहुत थक जाना (B) अति प्रसन्न होना (C) क्रोध करना (D) साफ मना करना
(A) पुल्लिंग (B) स्त्रीलिंग (C) नपुंसकलिंग (D) उभयलिंग
(A) गृही (B) अनिकेत (C) अभिषेक (D) अकिंचन
(A) अखाद्य (B) पथ्य (C) अपाच्य (D) अलभ्य
(A) निशाकर (B) बनचर (C) तमचोर (D) निशाचर
(A) विमोचित (B) आच्छन्न (C) परिच्छिन्न (D) अनावृत
(A) आयोजक (B) प्रायोजक (C) श्रोता (D) व्याख्याता
(A) विमुख (B) प्रमुख (C) पार्श्व (D) समक्ष
(A) द्युलोक (B) अलोक (C) विलोक (D) परलोक
(A) खसम (B) भसम (C) विषम (D) कसम
(A) अमूर्त (B) प्रतिमूर्त (C) सम्मूर्त (D) अदृष्ट