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1. कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए में कौन सा अलंकार है?

(A) उत्प्रेक्षा अलंकार
(B) अतिशयोक्ति अलंकार
(C) प्रतिवस्तूपमा अलंकार
(D) दृष्टान्त अलंकार

2. उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा में कौन सा अलंकार है?

(A) उत्प्रेक्षा अलंकार
(B) उल्लेख अलंकार
(C) भ्रान्तिमान अलंकार
(D) संदेह अलंकार

3. सोहत ओढ़े पीत पट स्याम सलोने गात में कौन सा अलंकार है?

(A) उत्प्रेक्षा अलंकार
(B) श्लेष अलंकार
(C) उपमा अलंकार
(D) रूपक अलंकार

4. चमचमात चंचल नयन, बिच घूंघट पर झीन में कौन सा अलंकार है?

(A) उत्प्रेक्षा अलंकार
(B) छेकानुप्रास अलंकार
(C) वृत्यनुप्रास अलंकार
(D) लाटानुप्रास अलंकार

5. हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः का अर्थ

(A) भिन्न-भिन्न मनुष्य की प्रवृत्ति भिन्न होती है।
(B) हितकर प्रियवचन दुर्लभ हैं।
(C) जैसे को तैसा मिलना।
(D) भूखा व्यक्ति कौन सा पाप नहीं कर सकता।

6. सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् का अर्थ

(A) महल के शिखर पर बैठने से कौआ गरुड़ नहीं हो पाता।
(B) सत्य बोला, प्रिय बोलो।
(C) हठ न करना ही बुद्धिमानी है।
(D) कर्मशील मनस्वी व्यक्ति सुख-दुख की परवाह नहीं करता।

7. सर्वे गुणा कांचनम् आश्रयन्ते का अर्थ

(A) निवृक्ष प्रदेश में एरण्ड भी पेड़ कहलाने लगता है।
(B) एक स्थान पर सब गुण नही मिलते।
(C) सर्प को दूध पिलाना उसके विष को बढ़ाना है।
(D) धन में सब गुण निवास करते हैं।

8. सत्यमेव जयते नानृतम् का अर्थ

(A) देव भी निर्बल को दु:ख देता है।
(B) बन्धओं के मध्ये गरीब होकर रहना उचित नहीं है।
(C) मूर्खों के साथ स्वर्ग में रहना भी अच्छा नहीं है।
(D) सत्य की सदा जय होती है, असत्य की नहीं।

9. शुभस्य शीघ्रम् का अर्थ

(A) गरीब का कौन मित्र?
(B) मनुष्य के निरक्षर-जीवन से क्या लाभ।
(C) शुभ कार्य में शीघ्रता करनी चाहिए।
(D) गुणहीन व्यक्ति बकवास अधिक करते हैं।

10. शठे शाठ्यं समाचरेत् का अर्थ

(A) सभी प्राणियों को अपने समान समझना चाहिए।
(B) मूख को उपदेश देने से उसका क्रोध शान्त नहीं होता।
(C) पेट भरने के लिए अनेक प्रकार के रूप बनाने पड़ते हैं।
(D) दुष्ट के साथ दुष्टातापूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

11. शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम् का अर्थ

(A) कमजोर व्यक्ति दयारहित होते हैं।
(B) शरीर की रक्षा करना प्रधान धर्म है।
(C) आहार, व्यवहार में लल्जा छोड़ने से ही सुख मिलता है।
(D) कुटिल मनुष्यों के साथ सरलता का व्यवहार नीति-युक्त नहीं है।

12. विद्या विहीन पशु का अर्थ

(A) भिन्न-भिन्न मनुष्य की प्रवृत्ति भिन्न होती है।
(B) विद्या से रहित व्यक्ति पशु-तुल्य है।
(C) जैसे को तैसा मिलना।
(D) भूखा व्यक्ति कौन सा पाप नहीं कर सकता।

13. विद्या धनम् सर्व धनं प्रधानम का अर्थ

(A) महल के शिखर पर बैठने से कौआ गरुड़ नहीं हो पाता।
(B) विद्या-धन सर्वश्रेष्ठ होता है।
(C) हठ न करना ही बुद्धिमानी है।
(D) कर्मशील मनस्वी व्यक्ति सुख-दुख की परवाह नहीं करता।

14. विनाश काले विपरीत बुद्धि का अर्थ

(A) निवृक्ष प्रदेश में एरण्ड भी पेड़ कहलाने लगता है।
(B) एक स्थान पर सब गुण नही मिलते।
(C) सर्प को दूध पिलाना उसके विष को बढ़ाना है।
(D) विनाशकाल में बुद्धि नष्ट हो जाती है।

15. वज्रादपि कठोराणि मृदूनि कुसुमादपि का अर्थ

(A) देव भी निर्बल को दु:ख देता है।
(B) बन्धओं के मध्ये गरीब होकर रहना उचित नहीं है।
(C) मूर्खों के साथ स्वर्ग में रहना भी अच्छा नहीं है।
(D) सज्जन व्यक्ति वज्र से कठोर और फूलों से भी कोमल होते हैं।