(A) पहले से ही दोष होने पर दूसरा दोष भी आ मिलना (B) पाप जब बहुत बढ़ जाता है तब विनाश होता है (C) मूर्ख व्यक्ति गुणों की परख नहीं कर सकता (D) जबरदस्ती घनिष्ठता बढ़ाना
(A) किसी ओर का न रहना (B) तेजस्वी सुंदर (C) अत्यधिक सुन्दर होना (D) इनमें से कोई नहीं
(A) सत्यभाषी होना (B) श्रेष्ठ पंडित (C) अनन्यतम सेवक, समर्पित सेवक (D) इनमें से कोई नहीं
(A) प्रारम्भ करना (B) उदार दानी (C) शीघ्र प्रसन्न होना (D) इनमें से कोई नहीं
(A) भक्ति भाव की पराकाष्ठा (B) अथक प्रयत्न (C) पुनीत, पवित्र (D) इनमें से कोई नहीं
(A) हठ पूर्ण किसी बात पर अटल भाव से डटा रहना (B) संकट आना (C) दृढ़-प्रतिज्ञा (D) इनमें से कोई नहीं
(A) अत्यन्त क्रुद्ध होना (B) अन्त न होना (C) कुशल सेनापतित्व (D) इनमें से कोई नहीं
(A) अत्यधिक हठी (B) भ्रम, धोखा, छलावा (C) प्रामाणिक बात (D) इनमें से कोई नहीं
(A) धोखा देकर मारना (B) दूरदर्शी (C) प्रेम से तुच्छ वस्तु को ग्रहण करना (D) इनमें से कोई नहीं
(A) भाई की नि:स्वार्थ सेवा (B) अतीव सुंदर होना (C) असीम त्याग (D) इनमें से कोई नहीं
(A) आकर्षक, मनमोहक (B) अत्यधिक सुन्दर होना (C) रसिक होना, नीतिज्ञ होना (D) इनमें से कोई नहीं
(A) कर्त्तव्य करते हुए मरना (B) पतिव्रता (C) घर का भेदी होना, भातृद्रोही होना (D) इनमें से कोई नहीं
(A) सत्यवादी होना (B) असम्भव (दुष्कर) कार्य करना (C) उदार दानी, अप्रतिम दानी (D) इनमें से कोई नहीं
(A) त्यागी होना (B) छल करना, कठोर बन्धन (C) अनन्य भक्त (D) इनमें से कोई नहीं
(A) अप्राप्य वस्तु की आलोचना (B) अत्यन्त दृढ़ होना (C) अत्यंत क्रुद्ध होना (D) इनमें से कोई नहीं