Explanation : कैबिनेट मिशन 23 मार्च, 1946 ई. को भारत पहुंचा। इसने भारत के विभिन्न दलों के नेताओं से विचार-विमर्श किया। कैबिनेट मिशन ने शिमला में एक सम्मेलन भी आयोजित किया था जो 5 मई, 1946 से 11 मई, 1946 तक चला। इस सम्मेलन में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के तीन-तीन सदस्य थे। इस सम्मेलन में कोई सर्वसम्मत निर्णय न हो पाने के कारण कैबिनेट ने 16 मई, 1946 को अपने प्रस्ताव की घोषणा की। इस प्रस्ताव में निम्नलिखित प्रावधान थे–
(1) ब्रिटिश भारत और भारतीय राज्यों को मिलाकर एक भारतीय संघ की स्थापना की जाए। इस संघ पर प्रतिरक्षा, विदेश और संचार का उत्तरदायित्व होगा, जबकि शेष विषयों पर प्रांतों एवं राज्यों का अधिकार होगा।
(2) संविधान निर्माण के लिए एक संविधान सभा का गठन किया जाएगा, जिसमें जनसंख्या के आधार पर (प्रत्येक 10 लाख लोगों पर एक प्रतिनिधि) मतदाताओं के तीन वर्ग सामान्य, मुस्लिम और सिख-होंगे। संविधान में कुल 389 सदस्य होंगे जिनमें से 292 ब्रिटिश भारतीय प्रांतों से 93 देशी रियासतों से चुनकर आयेंगे तथा 4 वायसराय के द्वारा मनोनीत होंगे।
(3) प्रांतों को तीन श्रेणियों में बांटा गया—
समूह 'क' – मद्रास, बंबई, मध्य प्रांत, संयुक्त प्रांत, बिहार और उड़ीसा।
समूह 'ख'– पंजाब, उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रांत, और सिंध।
समूह 'ग'– बंगाल और असम।
(4) सत्ता हस्तान्तरण के पश्चात् भारतीय राज्यों (रियासतों) से सम्बन्धित । सर्वोच्च शक्ति न ब्रिटेन के पास रहेगी और न भारत के पास।
(5) सभी दलों की सहायता से एक अंतरिम सरकार गठित होगी।
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