ब्रह्मपुत्र नदी का प्राचीन नाम क्या था?

(A) अरुणा
(B) सागरमती
(C) प्लक्षवती नदी
(D) दिहंग; त्सांगपो

Answer : दिहंग; त्सांगपो

Explanation : ब्रह्मपुत्र नदी का प्राचीन नाम दिहंग; त्सांगपो था। यह नदी कैलाश पर्वत श्रेणी में मानसरोवर झील के निकट स्थित चेमायुंगडुंग हिमानी से निकलती है। यहां से यह सांग्पो नाम से महान् हिमालय श्रेणी के समानान्तर पूर्व की ओर 1100 किमी तक अनुदैर्ध्य घाटी में प्रवाहित होती है। नामचा बरुआ के निकट यह मध्य हिमालय को काटकर एक महाखड्ड का निर्माण करती है और दिहांग नाम से अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है।
सदिया के पास दिबांग और लोहित नदियां बाएं किनारे पर आकर मिलती हैं। इसके बाद इसे ब्रह्मपुत्र नाम से जाना जाता है। इसके बाद यह असम घाटी में प्रवेश करती है, जहां कई सहायक नदियां मिलती हैं। इनमें सुबनासिरी, जियाभरेली, घनश्री, पुथीमारी, पगलादिया, कपिली, मानस, कामेंग, संकोश, तिस्ता एवं दिसांग हैं। धुबरी के निकट ब्रह्मपुत्र दक्षिणी की ओर मुड़कर बांग्लादेश में प्रवेश करती है और जमुना कहलाती है। नोट यह पाहुनरी (तीस्ता कांग्से ग्लेशियर) सिक्किम हिमालय बांग्लादेश में यह गंगा के साथ मिलकर गंगा—ब्रह्मपुत्र नामक विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा बनाती है।
असम के अधिकांश भाग में ब्रह्मपुत्र एक गुम्फित नदी है। यह अपने साथ बहुत—सा अवसाद लाती है और इसमें नदी विसर्प भी बहुत हैं। इसमें बहुत से द्वीप हैं, जिनमें सबसे प्रमुख माजुली द्वीप है। यह लगभग 90 किमी लम्बा और 20 किमी चौड़ा है। यह विश्व का सबसे बड़ा नदीय द्वीप (Rivarine Island) है।
Tags : नदी भारत की नदियाँ भूगोल प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Brahmaputra Nadi Ka Prachin Naam Kya Hai