बोगजकोई अभिलेख क्यों महत्वपूर्ण है?

(A) यह मध्य एशिया एवं तिब्बत के मध्य एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था।
(B) यहां से प्राप्त अभिलेखों में वैदिक देवता एवं देवियों का नामोल्लेख प्राप्त होता है।
(C) वेद के मूल ग्रंथों की रचना यहां हुई थी।
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं।

Answer : यहां से प्राप्त अभिलेखों में वैदिक देवता एवं देवियों का नामोल्लेख प्राप्त होता है।

Explanation : सबसे प्राचीन अभिलेखों में मध्य एशिया के बोगजकोई से प्राप्त अभिलेख है। इनमें वैदिक देवता मित्र, वरुण, इंद्र तथा नासत्य (अश्विनी कुमार) के नाम मिलते हैं। ये लगभग 1400 ई. पू. के हैं तथा इनसे ऋग्वेद की तिथि ज्ञात करने में सहायता मिलती है। इससे यह प्रमाणित होता है कि भारतीयों के संबंध बोगजकोई तक थे। यह सर्वाधिक प्राचीन अभिलेख है। इस अभिलेख में दो कबीलों 'खत्ती' और 'मितन्नी' के बीच संधि का उल्लेख है। उस संधि की शर्तों की रक्षा के लिए इन उपरोक्त देवताओं को साक्षी बनाया गया है। ज्ञातव्य है कि इन देवताओं में ऋग्वेद के प्रमुख देवता अग्नि का उल्लेख नहीं है।
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Web Title : Boghazkoi Abhilekh Kyu Mahatvpurn Hai