Explanation : भूतकाल के छः भेद होते हैं– 1. सामान्य भूत, 2. आसन्न भूत, 3. पूर्ण भूत, 4. अपूर्ण भूत, 5. संदिग्ध भूत और 6. हेतुहेतुमद् भूत
1. सामान्य भूत – सामान्य भूतकाल में साधारण रूप से क्रिया के हो चुकने का ज्ञान होता है। यह नहीं जाना जा सकता है कि क्रिया को समाप्त हुए थोड़ी देर हुई है या अधिक। जैसे–गाड़ी आई पानी बरसा।
2. आसन्न भूत – इस काल में यह स्पष्ट होता है कि कार्य निकट भूत में, अथवा अभी-अभी पूरा हुआ है। जैसे–मैंने पढ़ा है। राकेश ने पुस्तक पढ़ ली है, उसने भोजन कर लिया है।
3. पूर्ण भूत – इस काल से यह ध्वनित होता है कि कार्य को समाप्त हुए बहुत समय व्यतीत हो चुका है। इसमें कार्य निश्चित अवधि से पूर्व समाप्त हो जाता है। जैसे–वह पुस्तक पढ़ चुका था।
4. अपूर्ण भूत – इस काल से यह ज्ञात होता है कि कार्य भूतकाल में आरंभ किया गया था, किंतु वह समाप्त नहीं हुआ था। जैसे–राकेश पुस्तक पढ़ रहा था।
5. संदिग्ध भूत – जिससे कार्य के भूतकाल में होने का संदेह हो। जैसे–उसने पुस्तक पढ़ी होगी।
6. हेतुहेतुमद् भूत – यह क्रिया का वह रूप है जिसमें भूतकाल में होने वाली क्रिया का होना किसी दूसरी क्रिया के होने पर निर्भर हो। जैसे– यदि स्टेशन ठीस समय से पहुँच जाता तो गाड़ी न छूटती। यदि पानी बरस जाता तो फसल न सूखती।
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