Explanation : भारतीय संसद के सदस्य के लिए कई अयोग्यता निर्धारित की गई, जिसके तहत कोई व्यक्ति संसद सदस्य नहीं बन सकता यदि–
• वह भारत सरकार के या किसी राज्य की सरकार के अधीन, ऐसे पद को छोड़कर, जिसको धारण करने वाले का निरर्हित न होना संसद नै विधि द्वारा घोषित किया है, कोई लाभ का पद धारण करता है।
• वह विकृत चित्त हो और सक्षम न्यायालय द्वारा ऐसी घोषणा की गयी हो।
• वह घोषित दिवालिया हो।
• वह भारत का नागरिक न हो, या उसने स्वेच्छापूर्वक किसी विदेशी राष्ट्र की नागरिकता अर्जित कर ली हो, या वह किसी विदेशी राष्ट्र के प्रति निष्ठा स्वीकार करता हो;
• वह संसद द्वारा बनाई किसी विधि द्वारा अयोग्य घोषित किया गया हो।
संसद ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत भी निरर्हताएं निर्धारित की हैं–
• वह चुनावी अपराध या चुनाव में भ्रष्ट आचरण के तहत दोषी करार न दिया गया हो।
• उसे किसी अपराध में दो वर्ष या उससे अधिक की सजा न हुई हो। परन्तु, प्रतिबंधात्मक निषेध विधि के अंतर्गत किसी व्यक्ति का बंदीकरण निरर्हता नहीं है।
• वह निर्धारित समय के अंदर चुनावी खर्च का ब्यौरा देने में असफल न रहा हो।
• वह ऐसे निगम में लाभ के पद या निदेशक या प्रबंध निदेशक के पद पर न हो, जिसमें सरकार का 25 प्रतिशत हिस्सा हो।
• उसे भ्रष्टाचार या निष्ठाहीन होने के कारण सरकारी सेवाओं से बर्खास्त न किया गया हो।
• उसे विभिन्न समूहों में शत्रुता बढ़ाने या रिश्वतखोरी के लिए दंडित न किया गया हो।
• उसे छूआछूत, दहेज व सती प्रथा जैसे सामाजिक अपराधों का प्रसार और इनमें संलिप्त न पाया गया हो। किसी सदस्य में उपरोक्त निरर्हताओं संबंधी प्रश्न पर राष्ट्रपति का फैसला अंतिम होगा, यद्यपि राष्ट्रपति को निर्वाचन आयोग से राय लेकर उसी के तहत कार्य करना चाहिए।
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