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भारत में संपत्ति के अधिकार की क्या स्थिति है?
November 17, 2021
(A) यह विधिक अधिकार है, जो केवल नागरिकों को प्राप्त है। (B) यह विधिक अधिकार है, जो किसी भी व्यक्ति को प्राप्त है।
(C) यह मूल अधिकार है, जो केवल नागरिकों को प्राप्त है।
(D) यह न तो मूल अधिकार है, न ही विधिक अधिकार।
Answer :यह विधिक अधिकार है, जो किसी भी व्यक्ति को प्राप्त है।
Explanation : भारत में संपत्ति के अधिकार की वर्तमान में स्थिति यह है कि यह एक विधिक या संवैधानिक अधिकार है, जो किसी भी नागरिक को प्राप्त है। उल्लेखनीय है कि संपत्ति का अधिकार पहले संविधान के भाग-3 में वर्णित 7 मूल अधिकारों में से एक था। इसका उल्लेख अनुच्छेद-19(1)(च) एवं अनुच्छेद-31 में था। अनुच्छेद-19(च) प्रत्येक नागरिक को सम्पत्ति को अधिग्रहण करने, उसको रखने एवं निपटाने की गारंटी देता था, जबकि 1 अनुच्छेद-31 प्रत्येक नागरिक को चाहे वह नागरिक हो या गैर-नागरिक को अपनी का संपत्ति वंचन करने के खिलाफ अधिकार प्रदान करता था, किन्तु इसे 44वे संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 के द्वारा मूल अधिकारों की श्रेणी से हटाकर संपत्ति का अधिकार शीर्षक के तहत भाग-12 में ही अनुच्छेद-300(क) के अंतर्गत एक विधिक अधिकार बना दिया गया। अनुच्छेद-300(क) में यह प्रावधान किया गया है कि किसी व्यक्ति को उसकी न्त से विधि के प्राधिकार से ही वंचित किया जाएगा अन्यथा नहीं। ....अगला सवाल पढ़े
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