Explanation : भारत में गरम दल आंदोलन का पिता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) को कहा जाता है। बंगाल विभाजन के बाद से ही कांग्रेस में मतभेद उभरकर सामने आने लगे थे और ये पार्टी दो विचारधाराओं में बंट गई थी। एक विचारधारा के लोग वो थे जो शांति से अंग्रेजों से बात करके या अंग्रेजी हुकूमत के सहयोग से सरकार बनाना चाहते थे, वहीं दूसरी विचारधारा के लोग शुद्ध रूप से अंग्रेजों से मुक्त होकर अपनी सरकार बनाना चाहते थे।
26 दिसंबर, 1907 को सूरत अधिवेशन का आयोजन किया गया। गरम दल ने सूरत कांग्रेस का अध्यक्ष पहले लोकमान्य तिलक को और बाद में लाला लाजपत राय को बनाना चाहा, परंतु नरम दल ने डॉ. रासबिहारी घोष को अधिवेशन का अध्यक्ष बनाया। अधिवेशन में कांग्रेस का दो भागों में विभाजन हो गया। 1916 में कांग्रेस के ‘लखनऊ अधिवेशन’ में पुनः दोनों दलों का आपस में विलय हो गया। साथ ही यहां मुस्लिम लीग संग भी समझौता किया गया। इसमें भारत सरकार के ढांचे और हिन्दू तथा मुसलमान समुदायों के बीच सम्बन्धों के बारे में प्रावधान था। मोहम्मद अली जिन्नाह और बाल गंगाधर तिलक इस समझौते के प्रमुख निर्माता थे।
कांग्रेस की दोनों विचारधाराओं के बीच में बिल्कुल समानता नहीं थी। गरम दल के नेता कांग्रेस में मौजूद वे नेता थे जो यह मानते थे कि अंग्रेज भारत में शासन करने आए हैं और उनकी भारतीयों की भलाई में कोई रुचि नहीं है। यह नेता मानते थे कि बिना आंदोलन अंग्रेजों को दबाव में नहीं लाया जा सकता और उन्हें सुधार के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। गरम दल के प्रमुख नेताओं को लाल, बाल, पाल, के नाम से जाना जाता है। अर्थात लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल। ब्रिटिश राज में ही स्वशासन आ जाए। इस विचारधारा के नेताओं को नरम दल के नाम से जाना गया, इसमें प्रमुख नेता थे दादा भाई नौरोजी, गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता, व्योमेश चंद्र बनर्जी, मोतीलाल नेहरू आदि। यह नेता अक्सर अंग्रेजों के साथ बैठक करते थे और उन्हें अपना प्रतिवेदन देते थे।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : सुभाष चंद्र बोस का राजनीतिक गुरु चितरंजन दास था। वह देशबंधु के उपनाम से प्रसिद्ध थे। चितरंजन दास का जन्म 5 नवंबर, 1870 को कोलकाता में हुआ था। इनका ताल्लुक ढाका के विक्रमपुर के तेलिरबाग के प्रसिद्ध दास परिवार से था। इनके पिता भुवन ...Read More
Explanation : किसान घाट चौधरी चरण सिंह का समाधि स्थल (Kisan Ghat Samadhi Sthal) है। जो भारत के पांचवें प्रधानमंत्री (कार्यकाल 28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980) रह चुके है। चौधरी चरण सिंह का जन्म मेरठ जिले के नूरपुर गांव में 23 दिसंबर 1902 में हुआ ...Read More
Explanation : ठाकुर रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को इलाहाबाद (प्रयागराज) ज़िले की मालका/नैनी जेल में फांसी दी गई थी। इनका जन्म 22 जनवरी 1892 को, नवादा गाँव में कौशल्या देवी और जंगी सिंह के घर हुआ था। ठाकुर रोशन सिंह एक प्रबल राष्ट्रवादी थे, जो ...Read More
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Explanation : चंपारण सत्याग्रह का संबंध बिहार राज्य से है। जो एक किसान विद्रोह था और भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान शुरू हुआ था।चंपारण सत्याग्रह (Champaran Satyagraha) की शुरुआत गांधीजी द्वारा बिहार राज्य के चंपारण से की गई थी। चंपारण ...Read More
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Explanation : हैदराबाद के स्वतंत्र राज्य की स्थापना चिनकिलिच खां (Chin Qilich Khan) ने की थी। मुगल बादशाह मुहम्मदशाह द्वारा दक्कन में नियुक्त सूबेदार चिनकिलिच खां (निजामुलमुल्क) ने इसकी स्थापना 1724 ई. में की थी। मुहम्मदशाह ने 1722 ई. में चिनक ...Read More
Explanation : मुगल साम्राज्य का पतन वर्ष 1707 में हुआ था। क्योंकि इसके पतन की प्रक्रिया औरंगजेब की मृत्यु के साथ ही शुरू हो गई थी। औरंगज़ेब की नीतियों तथा उसके बाद के शासकों की असफलता ने पतन को अवश्यम्भावी बनाया। इतिहासकारों का मुगल साम्राज्य ...Read More
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Explanation : आलमगीर द्वितीय के पिता का नाम जहांदारशाह (Jahandar Shah) और माता का नाम अनूपबाई था। इसका जन्म 6 जून 1699 को बुरहानपुर में हुआ था। इसका मूल नाम अजीजुद्दीन था। आलमगीर द्वितीय (1754-59 ई.) अपने वजीर इमादुलमुल्क का कठपुतली शासक था। इ ...Read More
Web Title : Bharat Me Garam Dal Andolan Ka Pita Kise Kaha Jata Hai