Explanation : भारत का महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त तक पद धारण करता है, क्योंकि संविधान द्वारा महान्यायावादी का कार्यकाल निश्चित नहीं किया गया है। यानी जब राष्ट्रपति चाहें तब उन्हें हटा सकते हैं। इसी तरह संविधान में महान्यायावादी के वेतन तथा भत्ते तय नहीं किए गए हैं, उसे राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक मिलता है। भारत के महान्यायावादी के पद की व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 76 के अन्तर्गत की गई है। यह देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। राष्ट्रपति द्वारा महान्यायावादी की नियुक्ति होती है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यता रखने वाले व्यक्ति को महान्यायावादी के पद पर नियुक्त किया जा सकता है अर्थात् उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम करने का 5 वर्षो का अनुभव हो या राष्ट्रपति के अनुसार वह पारंगत विधिवेत्ता हो।
महान्यायावादी के कार्य एवं शक्तियाँ हैं–राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए कर्तव्यों का पालन, भारत सरकार को विधिक सलाह देना, उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना एवं सरकार की ओर से पेश होना, सरकार से संबंधित किसी मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई का अधिकार आदि। भारत के किसी भी क्षेत्र में, किसी भी अदालत में महान्यायवादी को सुनवाई का अधिकार है। एक सांसद की तरह सभी भत्ते एवं विशेषाधिकार उसे मिलते हैं। लेकिन महान्यायवादी पर कुछ सीमाएँ भी निर्धारित की गई हैं, जैसे—बिना भारत सरकार की अनुमति के वह किसी भी आपरातधिक मामलों में व्यक्ति का बचाव नहीं कर सकता है, भारत सरकार के विरुद्ध कोई सलाह नहीं दे सकता है, बिना सरकार की अनुमति के वह कंपनी के निदेशक का पद ग्रहण नहीं कर सकता आदि।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : संवैधानिक सरकार (Constitutional Government) का अर्थ ऐसी सरकार से है, जो संविधान की सीमाओं से परिबद्ध हो। संवैधानिक सरकार को एक संविधान के अस्तित्व से परिभाषित किया जाता है, जो एक कानूनी साधन हो सकता है या केवल निश्चित मानदंडों या ...Read More
भारत का वर्तमान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) है। उन्होंने 7 जुलाई 2021 को रेल मंत्रालय संभाला था। 1994 बैच के आईएएस अधिकारी अश्विनी वैष्णव ने आईआईटी कानपुर से बीटेक किया है। यही नहीं उन्होंने पेनसिलवानिया यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्र ...Read More
Explanation : भारत में कुल 94.50 करोड़ मतदाता है। यह नवीनतम आंकड़ा 1 जनवरी 2023 तक का है। भारत में 1951 में हुए पहले आम चुनाव से अब तक मतदाताओं की संख्या छह गुना बढ़ चुकी है। 17.32 करोड़ से बढ़कर यह 1 जनवरी 2023 तक 94.50 करोड़ पहुंच चुकी है। ...Read More
Explanation : 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष रितु राज अवस्थी (Ritu Raj Awasthi) है। 22वें विधि आयोग के गठन की अधिसूचना सरकार ने 21 फरवरी, 2020 को जारी की थी। इसके 2 वर्ष के अधिक समय पश्चात् भी सरकार ने इसके अध्यक्ष व अन्य सदस्यों की नियुक्ति नहीं ...Read More
Explanation : भारत में वहाबी आंदोलन का महत्वपूर्ण केंद्र पटना था। वर्ष 1821 के आस-पास वहाबी आंदोलन की स्थापना का श्रेय भारत के सैयद अहमद राय बरेलवी को जाता है, जो कि शाह अब्दुल अजीज का शिष्य था। शाह अजीज सबसे बड़े पुत्र थे। इनके संपर्क में आने ...Read More
Explanation : भारत के संविधान में नीति निर्देशक सिद्धांत आयरलैंड से लिए गए हैं। भारतीय संविधान के भाग-4 में अनुच्छेद-36 से लेकर अनुच्छेद 51 तक उपबंधित राज्य के नीति निदेशक तत्व आयरलैंड के संविधान से ग्रहण किए गए हैं। नीति निदेशक तत्व संविधान क ...Read More
Explanation : भारतीय संविधान में नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड (Ireland) देश से लिया गया है। राज्य के नीति निदेशक तत्व भाग-4 में वर्णित हैं। इनको आयरलैंड के संविधान से अनुसरित किया गया है। यह संविधान में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित है। इसके अलावा ...Read More
Explanation : परिसीमन आयोग का अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई (Retired Justice Ranjana Prakash Desai) है। केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ पूर्वोत्तर के चार राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड में ...Read More
Explanation : राज्यसभा के वर्तमान उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह है। वह 14 सितंबर 2020 को दूसरी बार ध्वनि मत से इस पद के लिए चुने गए। जेडीयू नेता हरिवंश को एनडीए ने अपना उम्मीदवार घोषित किया था। जबकि विपक्ष की तरफ से आऱजेडी नेता मनोज झा उम्मीदवार ...Read More
Explanation : हिमाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) है। उन्होंने 11 दिसंबर, 2022 को हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्र ...Read More
Web Title : Bharat Ka Mahanyayvadi Kab Tak Pad Dharan Karta Hai